Rajasthan News: राजस्थान के भरतपुर में एक दिल दहला देने वाली घटना ने स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल उठा दिए हैं. एक नवजात बच्चे की मौत एम्बुलेंस में ऑक्सीजन खत्म होने से हो गई. पिता ने शव लेकर वापस अस्पताल पहुंचकर हंगामा मचा दिया. यह मामला लापरवाही की हद दिखाता है जहां एक मासूम की जान बचाने की बजाय गलतियां छिपाने की कोशिश की गई.
रेफर के दौरान हुआ हादसा
सिकंदरा गांव के रहने वाले मुकेश जाटव का नवजात बेटा सांस की तकलीफ से जूझ रहा था. शुक्रवार दोपहर भरतपुर के जनाना अस्पताल ने उसे जयपुर के जेके लोन अस्पताल रेफर किया. बच्चे को ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया था.
अस्पताल ने ही एम्बुलेंस मुहैया कराई जिसमें सिलेंडर लगा था. लेकिन रास्ते में बस्सी के पास परिवार को लगा कि ऑक्सीजन बंद हो चुकी है. वे जल्दी से बस्सी के अस्पताल पहुंचे जहां डॉक्टरों ने जांच कर बच्चे को मृत बताया. वजह बताई गई कि समय पर ऑक्सीजन नहीं मिली. इसी बीच एम्बुलेंस ड्राइवर वाहन छोड़कर भाग निकला जो संदेह बढ़ाता है.
परिजनों का गुस्सा फूटा
परिवार सदमे में था. उन्होंने बस्सी से टेम्पो में शव लेकर शाम को वापस जनाना अस्पताल पहुंचे. वहां पहुंचते ही विरोध शुरू हो गया. दर्जनों लोग जमा हो गए और अस्पताल प्रशासन के खिलाफ नारे लगाए.
परिवार ने साफ कहा कि मौत की जिम्मेदार एम्बुलेंस ड्राइवर और अस्पताल की लापरवाही है. लेकिन अस्पताल वालों ने उल्टा परिवार पर नशे में होने का इल्जाम लगाया.
परिवार और वहां मौजूद लोगों ने इस आरोप को झूठा बताकर खारिज कर दिया. गुस्साए परिजन अब न्याय की गुहार लगाते हुए मथुरागेट थाने पहुंचे हैं. वे मामला दर्ज कराने की मांग कर रहे हैं ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों.
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