Bharatpur Royal Family Dispute: भरतपुर के पूर्व राज परिवार विवाद का मामला कई दिनों से चर्चा का केंद्र बना हुआ है. पूर्व कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने अपने बेटे और पत्नी पर गंभीर आरोप लगाए हैं. इसको लेकर कई दिनों से मामला कोर्ट में भी चल रहा है. एसडीएम कोर्ट में पूर्व कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह की ओर से भरण पोषण के लिए दायर की गई थी. जिसको लेकर अब इस मामले में नई खबर भी सामने आई है. कोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया है. एसडीएम ने संपत्ति विवाद मानते हुए याचिका को खारिज करते हुए कहा है कि विश्वेंद्र सिंह मंत्री रहे हैं और वह खुद अपना रख रखाव और भरण पोषण करके सामान्य जीवन जी सकते हैं.
कोर्ट ने यह कहते हुए खारिज कर दी याचिका
पूर्व कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह के वकील यशवंत सिंह फौजदार ने बताया कि पूर्व कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने अपनी पत्नी दिव्या सिंह और पुत्र अनिरुद्ध के खिलाफ वरिष्ठ नागरिक होने के चलते भरण पोषण के लिए एसडीएम कोर्ट में याचिका का दायर की थी. जिसे लेकर के दोनों पक्षों के वकीलों के बीच में बहस हुई और लंबे समय के बाद एसडीएम ने गुरुवार को फैसला सुनाते हुए कहा कि यह संपत्ति विवाद है और पूर्व कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह खुद अपना रख रखाव और भरण पोषण कर सकते हैं साथ ही सामान्य जीवन जी सकते हैं.
बेटे और पत्नी पर लगाए गंभीर आरोप
भरतपुर के पूर्व राजपरिवार के सदस्य और पूर्व कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह का पत्नी दिव्या सिंह और बेटे अनिरुद्ध सिंह से विवाद चल रहा है. यह विवाद उपखंड अधिकारी न्यायालय तक पहुंच गया. विश्वेंद्र सिंह ने अपनी पत्नी और बेटे पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें महल से बेदखल कर दिया गया. उन्हें बंधक बनाकर रखा गया और उनका खाना-पीना बंद कर दिया गया. साथ ही उन्होंने कहा कि उनके बेटे ने उनसे मारपीट की और उनका सामान बाहर फेंक दिया.
साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि विरासत में मिली हजारों करोड़ की संपत्ति को बेच दिया है, अब वे मोती महल को भी बेचना चाहते हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि उनका दिल्ली के एक बैंक में ज्वॉइंट अकाउंट था, लेकिन पत्नी और बेटे ने उनके फर्जी हस्ताक्षर करके बैंक लॉकर से कीमती सामान निकाल लिया है.
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