Rajasthan News: राजस्थान के भरतपुर जिले से मानवता को शर्मसार कर देने वाली एक बेहद दर्दनाक तस्वीर सामने आई है. जयपुर-आगरा नेशनल हाईवे पर एक अज्ञात वाहन की टक्कर से एक युवक की मौत हो गई. लेकिन हादसा इतना भयावह नहीं था, जितना उसके बाद का मंजर था. घटना के बाद लगभग 1 घंटे तक सड़क पर पड़े शव के ऊपर से बेपरवाही से वाहन गुजरते रहे, जिससे मृतक का शरीर टुकड़ों में बिखर गया. इस दौरान न तो किसी राहगीर ने रुकने की जहमत उठाई और न ही समय रहते पुलिस को सूचना दी.
पंछी का नगला ओवरब्रिज की घटना
यह दिल दहला देने वाली घटना भरतपुर के सेवर थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले जयपुर-आगरा नेशनल हाईवे स्थित पंछी का नगला ओवरब्रिज पर हुई. पुलिस सूत्रों के अनुसार, मलाह गांव निवासी मुकेश कुमार (मृतक की पहचान) किसी काम से राजमार्ग पर थे, तभी एक तेज रफ्तार अज्ञात वाहन ने उन्हें टक्कर मार दी. टक्कर इतनी जोरदार थी कि मुकेश की मौके पर ही मौत हो गई और उनका शव सड़क पर पड़ा रहा.
शव के टुकड़े इकट्ठा करके ले गए पुलिसकर्मी
चश्मदीदों के मुताबिक, एक्सीडेंट के तुरंत बाद किसी ने भी शव को किनारे करने या ट्रैफिक को रोकने का प्रयास नहीं किया. अंधेरे या तेज रफ्तार के कारण, एक के बाद एक कई वाहन शव के ऊपर से गुजरते गए. इसका भयावह परिणाम यह हुआ कि शव क्षत-विक्षत होकर सड़क पर टुकड़ों में बिखर गया, जिससे उसकी पहचान करना भी मुश्किल हो गया. जब काफी देर बाद किसी राहगीर ने पुलिस को सूचना दी, तब सेवर थाना पुलिस मौके पर पहुंची. पुलिस ने शव के बिखरे हुए हिस्सों को इकट्ठा किया और पंचनामा बनाकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया.
सिर्फ 10 KM दूर थी हाईवे रिस्पांस टीम
सेवर थाना प्रभारी सतीश शर्मा ने NDTV को बताया, 'यह सड़क हादसा शाम 7 बजे हुआ. पुलिस को 8 बजकर 10 मिनट पर इसकी सूचना मिली. ठीक 10 मिनट के अंदर मथुरा गेट पुलिस घटना स्थल पर पहुंच गई. पुलिस ने अपनी गाड़ी लगाकर ट्रैफिक को रोका. पुलिस ने एंबुलेंस को फोन किया और मौके पर बुलाकर शव को मोर्चरी में भिजवा दिया. हाइवे रिस्पांस टीम करीब 10 किलोमीटर दूर थी जो मौके पर नहीं पहुंच पाई. फिलहाल मृतक के परिजनों की ओर से अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है.'
हाईवे पर सुरक्षा और नैतिकता की जरूरत
यह घटना केवल एक सड़क दुर्घटना नहीं, बल्कि समाज में फैलती जा रही उदासीनता और संवेदनहीनता का प्रतीक है. राजस्थान में नेशनल हाईवे पर हुई इस घटना ने सिक्योरिटी एंड इमरजेंसी रिस्पांस मैकेनिज्म पर गंभीर प्रश्नचिह्न लगा दिया है. भरतपुर की इस घटना ने एक बार फिर याद दिलाया है कि व्यस्ततम सड़कों पर भी पुलिस और आपातकालीन सेवाओं की त्वरित उपस्थिति कितनी अनिवार्य है.
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