
Bulldozer action in Bhinmal: भीनमाल (जालोर) में हाईकोर्ट के स्टे के बावजूद गरीब परिवारों के आशियाने तोड़ दिए गए. इसके बाद सैकड़ों लोग सड़क पर उतर गए हैं और एसडीएम मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन करने पहुंचे. भीनमाल नगर पालिका ने अतिक्रमण बताते हुए कई घरों को ध्वस्त कर दिया था. प्रशासन की कार्रवाई का विरोध जताने के लिए लोग एकजुट हो गए हैं. उन्होंने उपखंड अधिकारी को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भी सौंपा. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि राजस्थान हाईकोर्ट से स्टे ऑर्डर को नजरंदाज करते हुए बीपीएल परिवारों के दर्जनों मकानों को ज़मींदोज कर दिया.
"योजनाओं का लाभ देकर भी बेघर किया"
प्रभावित लोगों का कहना है कि जिनके मकान तोड़े गए, वे सभी वार्ड नंबर 4 और 7 के निवासी हैं. इन्हें मुख्यमंत्री आवास योजना और स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत सरकारी लाभ मिल चुके हैं. ऐसे में यह सवाल उठ रहा है कि जब मकान वैध योजनाओं के तहत बने हैं, तो उन्हें अतिक्रमण बताकर क्यों तोड़ा गया? साथ ही प्रदर्शन कर रहे नागरिकों का आरोप है कि नगर पालिका ने बिना किसी नोटिस या पूर्व सूचना के कार्रवाई की, जिससे लोगों को संभलने तक का मौका नहीं मिला.
50 साल पुरानी बस्ती को उजाड़ने का आरोप
कई परिवारों ने कहा, "वे पिछले 40-50 वर्षों से इसी क्षेत्र में रह रहे हैं. उनके पास पहचान पत्र, बिजली कनेक्शन, राशन कार्ड जैसे दस्तावेज भी हैं, जिससे यह साबित होता है कि वे स्थायी निवासी हैं."
उग्र आंदोलन की चेतावनी
लोगों ने प्रशासन को चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों पर तत्काल कार्यवाही कर मुआवजा व पुनर्वास नहीं दिया गया तो वे आगामी दिनों में उग्र आंदोलन करेंगे. वहीं, इस पूरे मामले में अब तक भीनमाल नगर पालिका या उपखंड प्रशासन की ओर से कोई ठोस प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है, जिससे लोगों का आक्रोश और भी गहराता जा रहा है.
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