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Rajasthan: राजस्थान के खनन पट्टाधारकों को बड़ी राहत, सुप्रीम कोर्ट ने दी 2 माह की मोहलत

Rajasthan News: सुप्रीम कोर्ट में न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने राजस्थान सरकार की ओर से दायर एक अंतरिम याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया.

Rajasthan: राजस्थान के खनन पट्टाधारकों को बड़ी राहत, सुप्रीम कोर्ट ने दी 2 माह की मोहलत

Supreme court: राजस्थान में 8 हजार से अधिक खनन पट्टाधारकों के लिए राहत की खबर आई है. सुप्रीम कोर्ट ने खनन संचालन को 2 महीने के लिए बढ़ाने का आदेश दिया है, जिससे 31 मार्च 2025 को बंद होने वाले खनन कार्यों को अस्थायी राहत मिल गई है. सुप्रीम कोर्ट में न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने राजस्थान सरकार की ओर से दायर एक अंतरिम याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया. राजस्थान (Rajasthan) के अतिरिक्त महाधिवक्ता (AAG) शिव मंगल शर्मा ने यह याचिका दायर कर खनन पट्टों को तत्काल राहत देने का अनुरोध किया था. क्योंकि 31 मार्च की समयसीमा समाप्त होने वाली थी. 

पिछले कई वर्षों से कानूनी उलझनों में फंसा है खनन क्षेत्र

राजस्थान का खनन क्षेत्र पिछले कुछ वर्षों से कानूनी उलझनों में फंसा हुआ है. विवाद का मुख्य मुद्दा यह है कि पर्यावरणीय स्वीकृति देने का अधिकार जिला स्तर के अधिकारियों के पास होगा या राज्य स्तरीय समिति को इसकी पुष्टि करनी होगी. राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) के निर्देशों के अनुसार, "जिला स्तरीय पर्यावरणीय आकलन समिति (DEACC) के जारी सभी पर्यावरणीय स्वीकृतियों को अमान्य माना गया था. जब तक कि राज्य स्तरीय पर्यावरणीय आकलन समिति (SEACC) द्वारा उनकी पुनः समीक्षा नहीं की जाती. यह मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है."

पिछले साल के आदेश में 31 मार्च तक की थी अनुमति

सुप्रीम कोर्ट ने 12 नवंबर 2024 को अपने आदेश में खनन कार्यों को केवल 31 मार्च 2025 तक जारी रखने की अनुमति दी थी. ताकि इस दौरान पर्यावरणीय नियमों का अनुपालन सुनिश्चित किया जा सके.  हालांकि, 31 मार्च की समयसीमा नजदीक आने और हजारों लोगों की रोजी-रोटी पर संकट मंडराने के कारण राजस्थान सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक अंतरिम याचिका (IA) दायर की. इसमें खनन कार्यों की समयसीमा को बढ़ाने का अनुरोध किया गया, ताकि आवश्यक पर्यावरणीय स्वीकृतियां प्राप्त करने के लिए पर्याप्त समय मिल सके.

खनन क्षेत्र को 2 महीने की अस्थायी राहत

राजस्थान सरकार ने अदालत को बताया कि यदि खनन कार्य तत्काल बंद होते हैं तो इससे 8 हजार से अधिक खदानों पर ताला लग जाएगा, जिससे लाखों मज़दूरों और व्यवसायों पर बुरा असर पड़ेगा. सुप्रीम कोर्ट ने इस व्यावहारिक कठिनाई को ध्यान में रखते हुए खनन संचालन की समयसीमा 2 महीने के लिए बढ़ा दी.

अब राजस्थान सरकार और खनन पट्टाधारकों के पास अतिरिक्त 2 महीने का समय है, जिसमें वे आवश्यक पर्यावरणीय स्वीकृतियां प्राप्त कर सकते हैं. इस आदेश से खनन क्षेत्र से जुड़े लाखों श्रमिकों, व्यापारियों और उद्यमियों को अस्थायी राहत मिली है.

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