
Rajasthan News: राजस्थान के स्कूली शिक्षा मंत्री मदन दिलावर (Madan Dilawar) ने अपने हालिया बीकानेर दौरे के समय कहा था कि शिक्षा निदेशालय (Directorate of Education) में 5 साल से ज्यादा समय से एक ही सीट पर जमे कार्मिकों को हटाया जाएगा. अब अगर उनके आदेशों की पालना होती है तो प्रारम्भिक और माध्यमिक शिक्षा निदेशालय में करीब 80 फीसदी कर्मचारियों की कुर्सी बदल जाएगी.
500 अधिकारियों की बदल सकती है कुर्सी
जांच में पता चला है कि पंजीयक शिक्षा विभागीय परीक्षाएं, राजस्थान, बीकानेर सहित प्रारम्भिक और माध्यमिक शिक्षा निदेशालय में तकरीबन 641 कर्मचारी कार्यरत हैं. इनमें 500 से अधिक कर्मचारी 5 साल से ज्यादा समय से शिक्षा निदेशालय में ही तैनात हैं. इनमें सहायक कर्मचारी से लेकर DEO और DD तक के अधिकारी और कार्मिक शामिल हैं.
कर्मचारियों के 47 फीसदी से अधिक पद खाली
भाजपा सरकार गठन के बाद से ही शिक्षा निदेशालय में लंबे समय से बैठे शिक्षकों को हटाने के लिए बार-बार आवाज उठ रही है. इससे पहले भी शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने स्कूलों के बजाय शिक्षा निदेशालय में बैठे शिक्षकों को वापस स्कूलों में लगाने के मौखिक निर्देश दिए थे. लेकिन उन मौखिक निर्देशों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. अब फिर शिक्षा मंत्री ने कार्य में पारदर्शिता को लेकर लंबे समय से एक ही स्थान पर बैठे कर्मचारियों को हटाने के निर्देश दिए हैं. लेकिन दूसरी तरफ अहम बात ये भी है कि माध्यमिक और प्रारम्भिक शिक्षा निदेशालय में स्वीकृत कर्मचारियों के 47 फीसदी से अधिक पद खाली चल रहे हैं. पदों के खाली होने के कारण अनेक अनुभागों में कार्य भी समय पर नहीं हो पा रहा है.
नियम क्या है?
शिक्षा निदेशालय सहित आयुक्तालय, शासन सचिवालय और अधीनस्थ कार्यालय में अधिकारियों और कर्मचारियों के सामान्य स्थिति में तीन वर्ष और वहीं विशिष्ट स्थिति में 5 वर्ष तक ही एक स्थान पर रहने का प्रावधान है. प्रशासनिक सुधार विभाग के नियमों के तहत भी पाँच सालों से अधिक समय तक कोई भी अधिकारी या कर्मचारी एक ही स्थान पर पदस्थापित नहीं रह सकता.
मदनमोहन व्यास ने क्या कहा?
शिक्षा विभाग के कर्मचारी संघ के प्रदेश संस्थापक मदनमोहन व्यास शिक्षा मंत्री दिलावर के निर्देशों का समर्थन करते हुए कहते हैं कि लम्बे समय से एक ही सीट पर बैठे कर्मचारी हटना चाहिए. इससे नए कर्मचारियों को काम सीखने का मौका मिलेगा और काम में भी पारदर्शिता आएगी. वहीं राज्य सरकार को चाहिए कि मंत्रालयिक कर्मचारी और अधिकारियों के रिक्त पदों को भी समय पर भरा जाए.
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