Rajasthan News: राजस्थान की भजनलाल सरकार ने पूर्ववर्ती सरकार द्वारा लागू कई की गई विभिन्न योजनाओं को प्रारंभ नहीं करने के आदेश दिए हैं. इसका असर प्रदेश में बनने वाले पक्षियों के घरों पर भी हो रहा है. नए आदेश के बाद वन विभाग द्वारा पक्षी घरों के निर्माण पर रोक लगा दी है, जिसके चलते प्रदेश में अब परिंदों को अपना घर नसीब नहीं होगा.
गौरतलब है कि प्रदेश में परिंदों के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए कांग्रेस सरकार की ओर से पक्षी घर निर्माण की योजना शुरू की गई थी और इसके निर्माण के लिए वन विभाग को बजट भी जारी कर दिया गया था, लेकिन इसका कार्य शुरू नहीं हुआ था. प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद भजनलाल सरकार ने पूर्व सरकार द्वारा शुरू की गई योजनाओं को बंद करने के निर्देश के चलते अब पक्षी घर निर्माण पर रोक लग गई है.
कांग्रेस राज के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में 50 पक्षी घरों के निर्माण के लिए 43.50 करोड रुपए के अतिरिक्त बजट को स्वीकृत किया था. पक्षी घर लव कुश वाटिकाओं तथा अन्य स्थानों पर बनाए जाना प्रस्तावित था. उदयपुर के गुलाब बाग के पक्षी घर की तर्ज पर बनने वाले पक्षी घरों में परिंदों के भोजन और विदेशी पक्षी क्रय करने के लिए प्रत्येक जिले को 87 लख रुपए आवंटित किए गए थे. निर्माण कार्य के साथ ही इनमें से एक-एक लाख रुपए से पक्षी घरों में कोकटियल, लवबर्ड तोता, बजरिगर , गिनी फाउल आदि पक्षी भी खरीदे जाने थे. इससे पक्षियों को संरक्षण मिलने के साथ ही बीमार असहाय एवं घायल पक्षियों का उपचार करने की भी सुविधा मिलनी थी.
बांसवाड़ा जिले में लव कुश वाटिका में पक्षी घर निर्माण किया जाना प्रस्तावित था, लेकिन राशि वापस ले लेने से यह प्रक्रिया पूरी तरह से बंद हो गई है. पक्षी घर में छोटा व बड़ा दो प्रकार के पिंजरे, दाना पानी की व्यवस्था, पिंजरों की नियमित सफाई और अपशिष्ट पदार्थ एकत्रित करने के लिए टैंक का निर्माण, परिंदों की देखभाल के लिए क्लीनिक और ऑफिस, केयरटेकर की व्यवस्था की जानी थी. इसके अतिरिक्त पाथ- वे, फोटोवाल्टिक सोलर सिस्टम, आउटडोर लाइटिंग भी प्रस्तावित थे.
इस बारे में उपवन संरक्षक जिग्नेश शर्मा ने बताया कि प्रदेश सरकार ने गत सरकार के ऐसे कार्य व घोषणाएं जो आरंभ नहीं हुए हैं या कार्यादेश जारी नहीं हुए हैं उन पर रोक लगा दी है. जिले में विभाग के अधीन पक्षी घर का निर्माण के लिए आवंटित राशि भी ले ली गई है.