राजस्थान सरकार ने कोटा जिले में चंबल नदी पर ‘हाई-लेवल' पुल के निर्माण के लिए 256.46 करोड़ रुपए की वित्तीय स्वीकृति दे दी है. इस पुल का निर्माण राज्य राजमार्ग संख्या-120 पर गोठड़ा कलां गांव में किया जाएगा.
शुक्रवार को एक बयान के अनुसार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. मुख्यमंत्री ने पहले यह काम 165 करोड़ रुपये की लागत से करवाये जाने की बजट में घोषणा की थी,लेकिन अब 256.46 करोड़ रुपये की बढ़ी हुई वित्तीय स्वीकृति प्रदान की गई है. इसके अनुसार यह पुल बनने से आमजन व वाहनचालकों को सुविधा होगी तथा उन्हें अपने गंतव्य के लिए कम दूरी तय करनी पड़ेगी. मालूम हो राजस्थान सरकार कोटा में चंबल नदी के किनारे चंबल रिवर फ्रंट का निर्माण करा रही है. जो इस कोचिंग सिटी के टूरिज्म को बढ़ावा देगी.
रिवर फ्रंट पर चंबल माता कलश से जल प्रवाह की टेस्टिंग पूरी
चंबल रिवर फ्रंट का काम बड़ी तेजी से जारी है. यहां हाल ही में जिले में विकसित किए गए विश्व स्तरीय पर्यटन स्थल चंबल रिवर फ्रंट का मुख्य आकर्षण चंबल माता की विशाल प्रतिमा तैयार होने का साथ ही चंबल माता के कलश से होने वाले जल प्रवाह की हुई सफल टेस्टिंग पूरी कर ली गई है. 75 एचपी के 4 भारी क्षमता वाले पम्पों की सफल टेस्टिंग के बाद अधिकारियों ने एक-दूसरे का मूहं मीठा कराया.
अद्भुत जल प्रवाह देख रोमांचित हो जाएंगे पर्यटक
न्यास सचिव मानसिंह मीणा ने बताया कि अभियंताओं की टीम ने चुनौती पूर्ण एवं अद्भुत कार्य को लगन और मेहनत के साथ अंजाम तक पहुंचाया. 242 फीट ऊंची चंबल माता की प्रतिमा के कलश से जल प्रवाह के अद्भुत आकर्षण की थीम को पर्यटक देखकर पर्यटक खुद को रोमांचित होने से रोक नही पाएंगे,
चंबल पुर पुल निर्माण के साथ-साथ गहलोत सरकार ने एक अन्य फैसले के तहत 19 जिलों में सड़क निर्माण के 139 कार्यों के लिए 232.10 करोड़ रुपये की वित्तीय स्वीकृति दी गई है. बयान के अनुसार इस राशि से बाड़मेर, जयपुर एवं भरतपुर में 21-21, जैसलमेर में 20, नागौर में 12, झुन्झुनूं, चूरू, जोधपुर एवं हनुमानगढ़ में छह-छह, चित्तौड़गढ़ में पांच, कोटा में चार, पाली में तीन, अलवर में दो तथा टोंक, सीकर, सवाई माधोपुर, भीलवाड़ा, धौलपुर एवं अजमेर जिले में एक-एक सड़क का निर्माण होगा.
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