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BSF ने राजस्थान में ढूंढ निकाली वो जगह, जहां लैंड होते हैं पाकिस्तानी ड्रोन; अब नहीं बचेगा कोई तस्कर!

BSF ADG ने बताया कि फोरेंसिक विश्लेषण से राजस्थान में पाकिस्तानी ड्रोन के लैंडिंग स्पॉट ढूंढ निकाले गए हैं. इन जगहों पर अब एंटी-ड्रोन सिस्टम और जवानों की तैनाती बढ़ाई जा रही है.

BSF ने राजस्थान में ढूंढ निकाली वो जगह, जहां लैंड होते हैं पाकिस्तानी ड्रोन; अब नहीं बचेगा कोई तस्कर!
राजस्थान अलर्ट: अब छोटे और सस्ते ड्रोन से हो रही 500 ग्राम हेरोइन की तस्करी, BSF ने खोला राज (सांकेतिक तस्वीर)
IANS

Rajasthan News: भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा (Indo-Pak International Border) पर तैनात सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने एक बड़ी खुफिया सफलता हासिल की है. बीएसएफ ने राजस्थान के उन सीक्रेट लोकेशन्स की पहचान कर ली है, जिनका इस्तेमाल सीमा पार से आने वाले पाकिस्तानी तस्कर और राष्ट्र-विरोधी तत्व ड्रोन लैंडिंग और अवैध खेप गिराने के लिए कर रहे हैं. यह चौंकाने वाला खुलासा बीएसएफ के अपर महानिदेशक (ADG-पश्चिमी कमान) सतीश एस. खंडारे के बयान के बाद हुआ है. 

'साइंटिफिक तरीके से ढूंढी एग्जैक्ट लोकेशन'

बीएसएफ ने यह पहचान किसी अनुमान के आधार पर नहीं, बल्कि साइंटिफिक तरीके से की है. अपर महानिदेशक खंडारे ने बताया कि अमृतसर में स्थापित स्टेट-ऑफ-द-आर्ट ड्रोन फोरेंसिक लेबोरेटरी इस सफलता का मुख्य आधार बनी है. एडीजी खंडारे ने बताया, 'हम बरामद किए गए हर ड्रोन का फोरेंसिक विश्लेषण करते हैं. इससे पता चलता है कि ड्रोन ने कितनी उड़ानें भरीं, कहां से उड़ान भरी, और सबसे महत्वपूर्ण, वह कहां उतरा या उसने खेप कहां गिराई. इसी आधार पर, हमने मुख्य रूप से पंजाब के साथ-साथ राजस्थान में कुछ मुख्य स्थानों की पहचान की है.'

'निशाने वाले स्थानों' पर अब BSF की दोहरी मार

पहचान किए गए इन 'निशाने वाले स्थानों' पर बीएसएफ ने अपनी रणनीति को दोगुना कर दिया है. एडीजी खंडारे ने बताया कि ड्रोन घुसपैठ और लैंडिंग को रोकने के लिए दो मुख्य तरीकों पर काम हो रहा है:- 

  1. राजस्थान और जम्मू में भारत-पाकिस्तान सीमा पर अब बड़े पैमाने पर उन्नत ड्रोन रोधी प्रणाली (Anti-Drone System) की तैनाती की जा रही है. ये सिस्टम लैंडिंग से पहले ही ड्रोन को निष्क्रिय करने में सक्षम होंगे.
  2. बीएसएफ के जवान अब विशेष रूप से चिह्नित दुर्गम इलाकों में भी तैनात किए जा रहे हैं, क्योंकि तस्कर हथियारों और मादक पदार्थों की खेप अक्सर ऐसे ही स्थानों पर गिराते हैं, जहां पहुंचना आसान न हो.

तस्करों ने तरीका बदला, सस्ते ड्रोन से भेजी छोटी खेप

एडीजी ने बताया कि तस्करों ने अब अपने ऑपरेशन का तरीका बदल दिया है. अब वे महंगे और बड़े ड्रोन के बजाय सस्ते और छोटे आकार के ड्रोन का इस्तेमाल कर रहे हैं. एक छोटा ड्रोन अब लगभग 500 ग्राम हेरोइन या एक पिस्तौल ले जा सकता है. इसके अलावा, 'फ्रीक्वेंसी हॉपिंग ड्रोन' (जो अपनी रेडियो फ्रीक्वेंसी बदलते रहते हैं) का इस्तेमाल भी बढ़ गया है, जिनका पता लगाना पारंपरिक तरीकों से बेहद मुश्किल होता है.

अब तक 380 किलो ड्रग्स और 278 ड्रोन जब्त

बीएसएफ पश्चिमी कमान ने सीमा पार की तस्करी को रोकने में महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है. 380 किलोग्राम से अधिक हेरोइन और 200 से अधिक हथियार जब्त किए गए हैं. 278 अवैध ड्रोन बरामद हुए हैं और 53 पाकिस्तानी घुसपैठियों व तस्करों को पकड़ा गया है. राजस्थान के सीमावर्ती क्षेत्रों में इन लैंडिंग स्पॉट्स की पहचान होने के बाद, आने वाले समय में हथियार और ड्रग्स की तस्करी पर और भी बड़ा अंकुश लगने की उम्मीद है.

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