Rajasthan News: राजस्थान विधानसभा में बजट सत्र के तीसरे दिन की कार्यवाही पक्ष-विपक्ष के बीच तकरार के साथ शुरू हुई थी. बुधवार को प्रश्नकाल के दौरान पहले सवाल के जवाब को लेकर ही पक्ष-विपक्ष के नेताओं के बीच तीखी नोकझोंक हुई. विधानसभा की कार्यवाही में नई व्यवस्था के चलते ऑनलाइन सिस्टम से प्रश्नों के जवाब देने को लेकर कुछ देर हंगामा हुआ, जिसके चलते स्पीकर को कुर्सी से खड़े होकर मामला शांत करवाना पड़ा.
कैसे शुरू हुआ विवाद?
प्रश्नकाल में पहला सवाल बस्सी विधानसभा क्षेत्र के महाविद्यालय में रिक्त पदों को लेकर था. विधायक लक्ष्मण मीणा के सवाल पर उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा ने जवाब देते स्वीकृत और भरे हुए पदों की जानकारी दी. मंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा ने कहा कि बच्चों के भविष्य की हमें चिंता है, बच्चों के भविष्य के लिए हमारी सरकार अच्छा कार्य करेगी. मंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा ने जल्द भर्ती करवाए जाने की बात कही.
डोटासरा ने जताई अपत्ति
लेकिन इसके तुरंत बाद दूसरे सवाल के जवाब के दौरान मंत्री का जवाब पढ़ा हुआ मान लिया जाने की व्यवस्था पर PCC चीफ डोटासरा ने आपत्ति जताते हुए कहा कि कहा- 'विभाग से संबंधित जवाब दूसरा विभाग कैसे दे रहा?. इस पर मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा, 'विधानसभा सचिवालय किसे भेजता है किसे नहीं हमारी सरकार की जिम्मेदारी है. व्यवस्था को चलने दें धीरे धीरे अभ्यस्त हो जाएंगे.'
'सदन में हंगामा नहीं होना चाहिए'
इस पर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने आपत्ति जताते हुए पुरानी व्यवस्था को कायम रखने की बात कही. तब विधानसभा स्पीकर वासुदेव देवनानी ने कहा कि नई व्यवस्था लागू की जा रही है. थोड़ा समय लगेगा. आपके जो बदलाव या सुझाव हैं, वो प्रश्नकाल के बाद शून्यकाल में चेंबर में बैठकर तय किए जाएंगे. सदन में इस मुद्दे पर हंगामा नहीं होना चाहिए.
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