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Bundi kajali Teej 2025: 15 दिन चलेगा शाही मेला, 68 साल बाद निकाली गई शाही सवारी!

Bundi News: 'छोटी काशी' बूंदी में कजली तीज का त्योहार धूमधाम और ऐतिहासिक राजसी ठाठ-बाट के साथ मनाया जा रहा है. महिलाएं अखंड सौभाग्य के लिए तीज माता की पूजा कर रही है. 68 साल बाद राजपरिवार ने एक बार फिर तीज माता की शाही सवारी निकाली,

Bundi kajali Teej 2025: 15 दिन चलेगा शाही मेला, 68 साल बाद निकाली गई शाही सवारी!
Bundi Teej Mela

Bundi Teej Mela 2025: राजस्थान की 'छोटी काशी' बूंदी में कजली तीज का त्योहार धूमधाम और ऐतिहासिक राजसी ठाठ-बाट के साथ मनाया जा रहा है. महिलाएं अखंड सौभाग्य के लिए तीज माता की पूजा कर रही है. यह पर्व सिर्फ धार्मिक आस्था का प्रतीक नहीं, बल्कि बूंदी के गौरवशाली इतिहास और समृद्ध संस्कृति को भी दर्शाता है. इस साल 68 साल बाद राजपरिवार ने एक बार फिर तीज माता की शाही सवारी निकाली, जिसे देखने के लिए जनसैलाब उमड़ पड़ा.

क्या है कजली तीज का इतिहास?

कजली तीज के इस भव्य आयोजन के पीछे एक रोचक ऐतिहासिक कहानी है.पूर्व राजपरिवार की सदस्य महारानी रोहिणी कुमारी ने बताया कि बलवंत सिंह ने रियासत के बूंदी के गोठड़ा दरबार से कजली तीज लूटी थी. उन्होंने अपने एक मित्र के माध्यम से जयपुर में हर साल निकाले जाने वाले भव्य जुलूस के बारे में बताया और यहां भी कुछ ऐसा ही आयोजन करने को कहा. जिसके बाद उन्होंने जयपुर की ही तीज लाने का निर्णय लिया. जब तीज का जुलूस जयपुर से निकल रहा था तो बलवंत सिंह ने हमला कर तीज लूट ली और उसे बूंदी ले आए. तभी से गोठड़ा में भी तीज माता का जुलूस निकाला जाने लगा. तभी से कहा जाने लगा, जैपुर देखतो रे ग्यो, बलवन्त हाडा की हुंकार.बीच लवाजमा तीज न, ले आया गोठड़ा दरबार. बूंदी में दो दिन तक तीज का जुलूस निकाला जाता है और फिर 15 दिन तक मेला शुरू हो जाता है जिसमें कई कार्यक्रम आयोजित होते हैं. 

 हजारों की संख्या में उमड़े लोग

हजारों की संख्या में उमड़े लोग
Photo Credit: NDTV

शाही ठाठ-बाट और जनसैलाब

कजली तीज के अवसर पर, तीज माता की शोभा यात्रा बालबंदपाड़ा से शुरू होकर शहर के प्रमुख बाजारों से गुजरी. इस दौरान, हजारों की संख्या में लोग तीज माता के दर्शन के लिए उमड़ पड़े. शोभा यात्रा में सजे-धजे हाथी, घोड़े, ऊंट, एक दर्जन झांकियां और लोक कलाकारों की प्रस्तुतियां आकर्षण का केंद्र रहीं. विदेशी पर्यटकों ने भी इस भव्य शोभा यात्रा का आनंद लिया.

15 दिन का ऐतिहासिक मेला

कजली तीज के इस खास मौके पर दो दिन तक शाही सवारी निकाली जाती है. इसके बाद, शहर में 15 दिनों तक तीज मेले का आयोजन होता है. नगर परिषद की सभापति सरोज अग्रवाल ने बताया कि इस बार मेले को और भी भव्य और व्यवस्थित बनाया गया है. इसमें बॉलीवुड कलाकार, कवि सम्मेलन, कव्वाली मुकाबला और स्टार नाइट जैसे कई रंगारंग कार्यक्रम होंगे. इन आयोजनों में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला सहित कई गणमान्य व्यक्ति शामिल होंगे.

महिलाओं में उत्साह और उमंग

कजली तीज पर सुहागन महिलाओं में खास उत्साह देखने को मिला. उन्होंने अखंड सौभाग्य के लिए तीज माता की पूजा की. घरों में पकवान बनाए गए, और महिलाओं ने सोलह शृंगार कर राजस्थानी गानों पर जमकर नृत्य किया. लहरिया पहनकर सतरंगी अंदाज में आईं महिलाओं ने इस पर्व की शोभा को और बढ़ा दिया.

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