Rajasthan By Election: राजस्थान में 7 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर गहमागहमी जारी है. उपचुनाव ऐसे समय में हो रहे हैं, जब 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी राजस्थान में 11 सीटें हार गई. अभी जिन 7 सीटों पर उपचुनाव होना है, उनमें सिर्फ एक सीट पर ही बीजेपी की कब्जा है. बाकी 4 सीटें कांग्रेस के पास, एक-एक पर बीएपी और आरलपी का कब्जा है. ऐसे में इन सीटों पर उपचुनाव जीतना बीजेपी के लिए प्रतिष्ठा का सवाल है. 7 में से 6 सीटों पर टिकट ऐलान के बाद बीजेपी में नेताओं के बगावती रुख सामने आए.
3 सीटों पर मान गए BJP के बागी
कई जगहों पर बीजेपी से अलग होकर चुनाव लड़ने का ऐलान करने वाले नेताओं ने पार्टी की चिंता जरूर बढ़ाई थी. हालांकि, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा बागियों को मनाने में कामयाब रहे. झुंझुनू, सलूंबर और रामगढ़ में बीजेपी के बागियों को मनाने का सीएम भजनलाल का मिशन सफल रहा. मुख्यमंत्री से मिलने के बाद इन सीटों के नेताओं ने पार्टी के साथ रहने का भरोसा दिया है.
CM मिलने के बाद चार्टर्ड प्लेन से गए नरेंद्र मीणा
अमृतलाल मीणा के निधन के बाद खाली हुई सलूंबर सीट पर बीजेपी ने उनकी पत्नी शांता मीणा को टिकट दिया. इसके बाद नरेंद्र मीणा ने इसका विरोध किया और टिकट ऐलान के बाद फूट-फूट कर रोए. उन्होंने कहा कि 20 साल से संघर्ष कर रहा हूं लेकिन उनकी किसी ने नहीं सुनी. इसके बाद नरेंद्र मीणा मुख्यमंत्री भजनलाल से मिलने पहुंचे और मुलाकात के बाद चार्टर्ड प्लेन से उदयपुर रवाना हुए. एक वीडियो संदेश जारी करते हुए नरेंद्र मीणा ने कहा कि वह पूरी मेहनत से भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी को सलूंबर सीट से जीत दिलाएंगे.
झुंझुनू में बगावत तेवर से पीछे हटे बबलू चौधरी
वहीं, झुंझुनू उपचुनाव में टिकट न मिलने पर बबलू चौधरी ने बीजेपी के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया था. वह राजेंद्र भांबू को टिकट मिलने से नाराज थे. माना जाता है कि 2023 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के बबलू चौधरी को राजेंद्र भांबू की वजह से हार का सामना करना पड़ा था. भाबूं ने उस समय बीजेपी से बगावत करके बीजेपी के खिलाफ चुनाव लड़ा था. बबलू के चुनाव लड़ने के ऐलान के बाद आज सुबह ही कैबिनेट मंत्री सुमित गोदारा उनको लेकर जयपुर गए थे. जहां पर बबलू ने सीएम भजनलाल से मुलाकात की. मुख्यमंत्री से मिलने के बाद बबलू चौधरी ने चुनाव नहीं लड़ने का निर्णय लिया और पार्टी के साथ रहने का भरोसा दिया है.
जय आहूजा ने पार्टी के साथ रहने का दिया भरोसा
इसके अलावा रामगढ़ से जय आहूजा ने भी भाजपा प्रत्याशी को समर्थन देने का ऐलान किया है. सुखवंत सिंह को उपचुनाव में टिकट मिलने पर बीजेपी के पूर्व प्रत्याशी और दावेदारों ने विरोध शुरू कर दिया था. इसके बाद बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं का प्रतिनिधिमंडल अलवर अलवर पहुँचा था. जिसने मुख्यमंत्री भजनलाल का संदेश जय आहूजा को दिया था. सीएम का संदेश मिलने के बाद जय आहूजा ने बगावत छोड़ दी.
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बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने भी नेताओं के बगावती रुख पर आज ही कहा था कि पार्टी में किसी प्रकार की कोई नाराजगी नहीं है. सत्ता और संगठन में बेहतर तालमेल है. पार्टी एकजुट व संगठित होकर चुनाव लडे़गी. उपचुनाव में टिकट बंटवारें को लेकर नाराजगी उन्होंने कहा कि कई बार टिकट की उम्मीद होती है, लेकिन जब टिकट नहीं मिलता तो थोड़ी बहुत निराशा और नाराजगी होती ही है.
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