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राजस्थान में 27 अगस्त को चक्का जाम का ऐलान, नहीं चलेगी प्राइवेट बस, जानें क्या है वजह

बस ऑपरेटर्स राजस्थान द्वारा परिवहन विभाग को कईं बार अपनी समस्याओं से अवगत कराया, लेकिन अब उनकी मांगों को नहीं माना गया तो प्रदेश में अनिश्चित कालीन चक्का जाम होगा.

राजस्थान में 27 अगस्त को चक्का जाम का ऐलान, नहीं चलेगी प्राइवेट बस, जानें क्या है वजह
राजस्थान में प्राइवेट बस की हड़ताल

Rajasthan Private Bus Strike: राजस्थान में 27 अगस्त को चक्का जाम का ऐलान किया गया है. बस ऑपरेटर्स एसोसिएशन राजस्थान और बस मालिक संघ की ओर से 27 अगस्त को प्रदेशस्तरीय चक्का जाम का ऐलान किया है. एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष सत्यनारायण साहू ने बताया कि बस ऑपरेटर्स राजस्थान द्वारा परिवहन विभाग को कईं बार अपनी समस्याओं से अवगत कराया, लेकिन इस पर किसी तरह का संज्ञान नहीं लिया गया. ऐसे में उनका कहना है कि अगर उनकी मांगों को नहीं माना गया तो प्रदेश में अनिश्चित कालीन चक्का जाम होगा.

हालांकि सोमवार को 23 सूत्रीय मांगों को लेकर परिवहन आयुक्त मनीष अरोड़ा और बस ऑपरेटर्स एसोसिएशन के बीच बातचीत हुई. लेकिन इसके बाद भी किसी तरह की सकारात्मक बातचीत नहीं हो सकी. अब ऑपरेटर्स एसोसिएशन ने प्राइवेट बसों के हड़ताल का ऐलान किया गया है.

परिवहन विभाग को सौंपा गया था 23 सूत्रीय मांग

बस ऑपरेटर्स एसोसिएशन की ओर से परिवहन विभाग को 23 सूत्रीय मांग सौंपा गया था. वहीं इसमें 13 मांगों को स्वीकार भी किया गया था. लेकिन इसके बावजूद इन मागों को लेकर आदेश जारी नहीं किया गया. ऐसे में बस ऑपरेटर्स में और रोष बढ़ गया. बताया जाता है कि वर्तमान में दो मुख्य मांग है कि ऑनलाइन के साथ ऑफलाइन टीपी भी जारी की जाए और वर्तमान में सभी जगह राजस्थान में बारिश हो रही है. सड़के टूटी-फूटी हो गई है पर्याप्त यात्री भार भी नहीं मिल रहा है और लोगों का आवागमन कम हो गया है इसलिए दो महीने का टैक्स माफ किया जाए.

2014 में तय हुआ था निजी बसों का किराया

एसोसिएशन के महासचिव शकील मिर्जा ने बताया कि निजी बसों का किराया 2014 में तय किया गया था. इसके बाद कईं बार टैक्स, डीजल, बीमा, टोल, पार्ट्स और बसों की कीमत बढ़ चुकी है. इसके बावजूद भी अन्य राज्यों की अपेक्षा राजस्थान में किराया कम है. ऐसे में, राजस्थान में भी अन्य राज्यों के समान 1 रुपए 40 पैसे प्रति यात्री प्रति किलोमीटर किराया तय किया जाए. चुनाव में निजी बसों का किराया 2250 रुपए से बढ़ाकर अन्य राज्यों के समान 4500 रुपए और डीजल प्रतिदिन किया जाए.

निजी बस संचालकों की ये हैं मांग

शैलेश अरोड़ा और नौशीन खान ने बताया कि राष्ट्रीयकृत मार्ग पर निजी बसों को ओवरलेप की सीमा 25 किलोमीटर से बढ़ाकर 50 किलोमीटर किया जाना चाहिए. उन्होंने सरकार से लोक परिवहन सेवा के परमिट जारी करने, रोडवेज के मार्ग पर निजी बसों को 60/40 के हिसाब से परमिट देने, महिला एवं सीनियर सिटीजन को 50% किराए में दी जाने वाली छूट को निजी बसों में भी लागू करने और सब्सिडी को टैक्स में समायोजित करने, अस्थाई ट्रांसपोर्ट परमिट की अवधि 24 घंटे रखने, रोडवेज को भी समय सारणी परिवहन विभाग से निजी बस ऑपरेटर की सहमति से जारी करने, परिवहन व्यवसाय को उद्योग का दर्जा देने तथा लोक परिवहन सेवा के बकाया परमिट जारी करने की मांग की गई है.

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