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This Article is From Oct 31, 2023

भाजपा का गढ़ है बारां जिले की छबड़ा विधानसभा सीट, इस बार प्रताप सिंह सिंघवी को टक्कर देंगे करण सिंह, जानिए समीकरण

छबड़ा सीट भारतीय जनता पार्टी का गढ़ माना जाता है.  यहां से बीते पांच चुनाव में चार बार भाजपा जीती है. चारों बार भाजपा से यहां पर पूर्व मंत्री प्रताप सिंह सिंघवी विधायक बने हैं.

भाजपा का गढ़ है बारां जिले की छबड़ा विधानसभा सीट,  इस बार प्रताप सिंह सिंघवी को टक्कर देंगे करण सिंह, जानिए समीकरण
बारां जिले की छबड़ा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी करण सिंह राठौड़ और भाजपा के प्रत्याशी प्रताप सिंह सिंघवी.

Rajasthan Election Chhabra Assembly Seat: मंगलवार को कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों की चौथी लिस्ट जारी कर दी है. इसमें बारां जिले की छबड़ा विधानसभा से करण सिंह राठौड़ को प्रत्याशी बनाया है. राठौड़ का मुकाबला भाजपा के प्रताप सिंह सिंघवी से होगा. कांग्रेस से ही करण सिंह राठौड़ छबड़ा से एक बार विधायक रह चुके हैं तो वहीं उनके सामने भाजपा के उम्मीदवार प्रताप सिंह सिंघवी 6 बार विधायक रह चुके हैं. सिंघवी आठवीं बार छबड़ा से भाजपा प्रत्याशी के रूप में मैदान में है. कांग्रेस ने एक बार फिर करण सिंह को तीसरी बार छबड़ा से मैदान में उतारा है. करण सिंह अभी तक मात्र एक बार भाजपा के प्रताप सिंह सिंघवी को पटखनी दे पाए हैं. इस बार क्या होगा यह आने वाला समय ही बताएगा, फिलहाल आइए जानते हैं छबड़ा सीट का सियासी समीकरण. 

छबड़ा सीट भारतीय जनता पार्टी का गढ़ माना जाता है.  यहां से बीते पांच चुनाव में चार बार भाजपा जीती है. चार बार ही भाजपा से यहां पर पूर्व मंत्री प्रताप सिंह सिंघवी विधायक बने हैं, हालांकि 2008 में उन्हें कांग्रेस प्रत्याशी करण सिंह से हार का मुंह देखना पड़ा था.

भाजपा प्रत्याशी प्रताप सिंह सिंघवी ने 1998 में कांग्रेस के अबरार अहमद, 2003 में कांग्रेस के मानसिंह, 2013 में नेशनल पीपल' एस पार्टी के मानसिंह धनोरिया वह कांग्रेस के प्रकाशचंद और 2018 में कांग्रेस के करण सिंह को चुनाव हराया है. हालांकि, बीते 9 चुनाव इस सीट से महज एक बार कांग्रेस जीती है और इस बार क्या होगा यह देखने वाली बात होगी.

1972 के बाद पहली बार कांग्रेस को मिली थी जीत
विधानसभा चुनाव 1972 के बाद 2008 मैं कांग्रेस के करण सिंह राठौर छबड़ा सीट से जितने मैं कामयाब हो पाए थे। करण सिंह ने भाजपा के प्रताप सिंह सिंघवी को 6948 वोटो के अंतर से हराया था. 

2013 के चुनाव में तीसरे स्थान पर चली गई थी कांग्रेस
विधानसभा चुनाव 2013 में बीजेपी के प्रताप सिंह सिंघवी ने एक बार फिर से वापसी की और रिकॉर्ड वोटों से जीत दर्ज की. सिंघवी ने  NPEP के मानसिंह धनोरिया को 61385 वोटों से हराया. वहीं कांग्रेस प्रत्याशी प्रेम चंद नागर तीसरे स्थान पर पुहंच गए थे. 

2018 में भी कांग्रेस को छबड़ा में मिली थी हार
2018 प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव में भले ही कांग्रेस की सरकार बनी लेकिन छबड़ा छीपा सीट पर बीजेपी अपना गढ़ बचाने में कामयाब रही. भाजपा के प्रताप सिंह सिंघवी ने कांग्रेस के करण सिंह राठौड़ के ऑवर कॉन्फिडेंस के चलते उनको हराया. प्रताप सिंह सिंघवी को 79707 वोट के साथ 44 प्रतिशत वोट मिले और कांग्रेस के करण सिंह को 75963 वोटों के साथ 42 प्रतिशत वोट मिले. भाजपा ने छबड़ा पर 3744 वोटों से जीत दर्ज की. 

इस बार भी छबड़ा विधानसभा सीट पर बीजेपी की स्थिति मजबूत नजर आती है. विधानसभा चुनाव 2023 की गहमागहमी इस सीट पर शुरू हो गई है। कांग्रेस और भाजपा दोनों पार्टी के प्रत्याशी अब मैदान में है. छबड़ा सिट पर बीजेपी की स्थिति इस बार भी मजबूत नजर आती है.

छबड़ा विधानसभा का जातिगत समीकरण

छबड़ा सीट सर्वाधिक मतदाता मीणा, नागर धाकड़, गुजर्र गाडरी, लोधा समाज से आते है. ये जातियां निर्णायक भूमिका में होती है. मीणा समाज का अधिक्तर वोट कांग्रेस को तो नागर धाकड़ लोधा गुजर्र वोट भाजपा के खाते मैं जाता रहा है.

इस बार जातिगत राजनीति स्थनीये मुद्दों पर हावी

छबड़ा विधानसभा में इस बार जातिगत राजनीति हावी हुईं हैं. कई लोग अपनी अपनी जाति की संख्या बता कर टिकट की दावेदारी कर रहे थे. जिसमें स्थानीय मुद्दे खो से गए हैं.

इस बार क्या होंगे अहम मुद्दे

छबड़ा विधानसभा सीट पर इस बार किसानों के फसल बीमा क्लेम व फसल मुआवजा की मांग के लिए किसान लगातार आंदोलन करते रहें हैं. किसानों के गुस्सा  स्थानीय विधायक से लेकर राज्य व केंद सरकार पर रहा है। कुछ लोग इस आंदोलन की आड़ मैं अपनी राजनीतिक जमीन भी तलाश कर रहें थे.

स्थानीय युवाओं को थर्मल में रोजगार एक बड़ा मुद्दा रहा है. युवाओं की मांग रही हैं कि धर्मल में स्थानीय लोगों को रोजगार दिया जाए. समय-समय पर युवाओं ने थर्मल गेट पर विरोध प्रदर्शन भी किये.खराब सड़कें, शहर के अंदर से गुजरने वाले थर्मल के राख के ट्रकों से उड़ती धूल से क़स्बे वासी लगातार परेशान होते आ रहें हैं, जो चुनावों में बड़ा मुद्दा बनेगा.

छबड़ा को जिला नहीं बनाने से खफ़ा हैं छबड़ा वासी
छबड़ा को जिला बनाने के लिए छबड़ा के युवाओं ने पानी की टंकी पर चढ़ कर विरोध प्रदर्शन किया था, लेकिन छबड़ा को जिला नहीं बनाने का खामियाज़ा कांग्रेस सरकार को उठाना पड़ सकता हैं.

कांग्रेस व बीजेपी के बीच होगी आमने सामने की लड़ाई
छबड़ा विधानसभा सीट पर इस बार भी कांग्रेस व भाजपा के बीच ही सीधा मुकाबला होगा। निर्दलीय व अन्य पार्टी के लिए फिलहाल छबड़ा सीट पर कोई उम्मीद नहीं है. छबड़ा से भाजपा वर्तमान विधायक प्रताप सिंह सिंघवी है तो कांग्रेस ने पूर्व विधायक करण सिंह राठौर पर दाव लगाते हुये उन्हे मैदान में उतारा है. अबकी बार चुनाव 2023 में छबड़ा में लगभग कुल 2 लाख 16 हजार 820 मतदाता है.

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