Udaipur News: छठ का पर्व वैसे तो मुख्य रूप से बिहार, पुर्वी उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और झारखंड में मनाया जाता है. लेकिन समय के साथ यहां के रहने वाले लोगों ने अपने पर्व ओर अपनी संस्कृति को नहीं छोड़ा. उदयपुर में भी बिहार और उतरप्रदेश के रहने वाले लोगों ने छठ पूजा को हर्षोल्लास के साथ मनाया. छठ पूजा का पहला दिन 5 नवम्बर 2024 को नहाय खाय रूप में मनाया गया.
चार दिन चलता है छठ का त्योहार
छठ पर्व का पहला दिन नहाय खाय के साथ के शुरू होता है. महिलाओं ने सुबह जल्दी उठकर घर की साफ- सफाई की. इसके बाद स्नान आदि कर छठ के व्रत का संकल्प लिया. इस दिन महिलाएं और पुरुष एक समय का भोजन करके मन को शुद्ध करते हैं. इस दिन से घर में शुद्धता का बहुत ध्यान रखा जाता है. इस दिन घरों में भात, कद्दू या लौकी की सब्जी और चने की दाल बनाई जाती है.
चार दिवसीय छठ महोत्सव का आयोजन होता है. दूसरे दिन को खरना जो 6 नवम्बर 2024 को मनाया जाएगा. तीसरे दिन 7 नवम्बर 2024 को सन्ध्या अर्घ्य, चौथे दिन 8 नवम्बर को सुबह उगते सूरज को अर्घ्य अर्पित करने के साथ ही महोत्सव का समापन हो जाता है.
36 घण्टे तक छठ पूजा का निर्जला उपवास रखते हैं
उदयपुर में मुख्य रूप से फतह सागर ओर गोवर्धन सागर के तट पर छठ पूजा की जाती है. यहां बड़ी संख्या में लोग एकत्र होकर डूबते और उगते सूरज को अर्घ्य अर्पित करते हैं. छठ पूजा का ज्योतिष में भी महत्व है. इस बार पहले दिन कुमार योग और दूसरे दिन दुग्ध योग बना हुआ है. 36 घण्टे तक छठ पूजा का निर्जला उपवास रखते है. महिलाएं बच्चों के स्वास्थ्य, सफलता और दीर्घायु के लिए उपवास करती हैं. स्कंद पुराण में छठ मैया को देवी कात्यायनी कहा गया है.
खरना का मतलब शुद्धिकरण
खरना के दिन शाम होने पर गुड़ की खीर का प्रसाद बना कर व्रती महिलाएं पूजा करने के बाद अपना दिन भर का उपवास खोलती हैं. फिर इस प्रसाद को सभी में बांट दिया जाता है. प्रसाद ग्रहण करने के बाद व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू हो जाता है. प्रसाद बनाने के लिए नए मिट्टी के चूल्हे और आम की लकड़ी का प्रयोग करना शुभ माना जाता है.
छठ प्रसाद की है विशेष महिमा बताई जाती है. छठ का प्रसाद बहुत ही देख रेख में तैयार किया जाता है. छठ के प्रसाद में गुड़ की खीर और ठेकुआ (आटा, दूध और घी से बनाया जाता है) जैसे मीठे व्यंजन शामिल होते हैं. प्रसाद के रूप में मीठा, नींबू, गन्ना और केले का प्रसाद अवश्य धराय जाता है.
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