
चित्तौड़गढ़ जिले की पांच विधानसभा सीटें बड़े-बड़े दिग्गजों की चुनावी रणभूमि रही है. मेवाड़ के इस जिले से पूर्व मुख्यमंत्री और उपराष्ट्रपति भैरोंसिंह शेखावत समेत पूर्व केंद्रीय रक्षा मंत्री जसवंत सिंह, डॉ. गिरिजा व्यास, महाराणा महेंद्र सिंह मेवाड़ सरीखे कई दिग्गजों का इस जिले से सरोकार रहा है. इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हुए कई दिग्गजों ने राजनीति के शिखर तक पहुंचने में कामयाबी हासिल की है. चित्तौड़गढ़ जिले की निम्बाहेड़ा-छोटीसादड़ी विधानसभा सीट पर अब तक के चुनावी नतीजों में कांग्रेस-भाजपा का वर्चस्व बराबर का रहा है.
1993 से लेकर 2018 के चुनाव पर एक नजर
1993 में पहली बार उदय लाल आंजना ने विधानसभा का चुनाव जीता और भाजपा प्रत्याशी श्रीचंद कृपलानी को हराया. 2003 के विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी अशोक नवलखा ने कांग्रेस प्रत्याशी उदय लाल आंजना को 1041 मतों से हराया. 2008 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी ने भाजपा प्रत्याशी अशोक नवलखा को 38510 मतों से पराजित किया. 2013 में भाजपा प्रत्याशी श्रीचंद कृपलानी ने कांग्रेस प्रत्याशी उदय लाल आंजना को 3370 मतों से पराजित किया और कृपलानी यूडीएच मंत्री बने. 2018 के चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी उदय लाल आंजना ने भाजपा प्रत्याशी श्रीचंद कृपलानी को 11908 मतों से हराया.
आंजना- कृपलानी ने जीता सांसद का चुनाव
निम्बाहेड़ा-छोटीसादड़ी विधानसभा क्षेत्र के रहने वाले कांग्रेस के उदय लाल आंजना व भाजपा के श्रीचंद कृपलानी ने लोकसभा का चुनाव भी लड़ा. 1998 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी उदय लाल आंजना ने भाजपा प्रत्याशी व तत्कालीन केंद्रीय रक्षा मंत्री जसवंत सिंह को हराकर कर करीब डेढ़ साल के लिए चित्तौड़गढ़ लोकसभा से सांसद रहे. भाजपा के श्रीचंद कृपलानी 1999 व 2004 के लोकसभा चुनाव जीतकर सांसद बने.
ये भी पढें- Rajasthan Elections: ऐसी विधानसभा जहां बाहरी प्रत्याशी उतारते ही अपना सीट गवां बैठती हैं पार्टियां