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This Article is From Jun 02, 2024

Rajasthan Politics: चित्तौड़गढ़ के सीट पर कांटे की टक्कर, सीपी जोशी की राह नहीं होगी आसान

Rajasthan News: 1998 के लोकसभा में उदय लाल आंजना ने भाजपा के कद्दावर नेता और तत्कालीन केंद्रीय रक्षामंत्री जसवंत सिंह को हराया था. इस बार का मामला काफी दिलचस्प है क्योंकि आंजना का राजनीतिक अनुभव काफी लंबा रहा है.

Rajasthan Politics: चित्तौड़गढ़ के सीट पर कांटे की टक्कर, सीपी जोशी की राह नहीं होगी आसान
फाइल फोटो

Chittorgarh Lok Sabha Seat: 4 जून को लोकसभा चुनाव के नतीजे सामने आने वाले हैं. 26 अप्रैल को दूसरे चरण में चित्तौड़गढ़ लोकसभा सीट पर वोटिंग हुई थी. वोटिंग के बाद से ही राजनीतिक दल अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं. चित्तौड़गढ़ लोकसभा सीट पर भाजपा ने तीसरी बार उम्मीदवार के रूप में सीपी जोशी को चुनावी मैदान में उतारा हैं. इधर कांग्रेस ने भी दिग्गज नेता उदय लाल आंजना को मैदान में उतार कर चुनाव रोचक बना दिया.

2014 में सीपी जोशी ने दर्ज की बड़ी जीत

हालांकि 4 जून को रिजल्ट आने के बाद ही ये साफ हो पाएगा कि सीपी जोशी हैट्रिक लगाएंगे या फिर कांग्रेस के उदय लाल आंजना जीत का परचम लहराएंगे. इस बार का लोकसभा चुनाव पिछले दो चुनावों से हटकर हैं. ऐसे में चित्तौड़गढ़ लोकसभा सीट पर कांटे की टक्कर होने की संभावना हैं. 2014 के चुनाव में सीपी जोशी को भाजपा ने मैदान में उतारा उस समय उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार गिरिजा व्यास को 3 लाख 16 हजार से अधिक मतों से हराया था.

2019 में सीपी जोशी को ऐसे मिला फायदा

2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने बाहरी उम्मीदवार को चित्तौड़गढ़ से मैदान में उतारा. इसको लेकर कांग्रेस के नेताओं में खासा विरोध देखा गया. ऐसे हालात में भी कांग्रेस के परम्परागत वोट उनके खाते में आएं. करीब 4 लाख 7 हजार वोट कांग्रेस उम्मीदवार गोपाल सिंह ईडवा को मिले थे. भाजपा का राष्ट्रवाद मुद्दा हावी रहने और कांग्रेस का बाहरी उम्मीदवार को चित्तौड़गढ़ लोकसभा सीट पर उम्मीदवार बनाने के चलते 2019 के लोकसभा चुनाव में सीपी जोशी ने 5 लाख 76 हजार से अधिक मतों से जीत दर्ज की थी.

आंजना के अनुभव का मिलेगा फायदा?

2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने उदय लाल आंजना को उतारा. चित्तौड़गढ़ में कांग्रेस के कई गुट इस चुनाव में एकजुट होकर इस बार आंजना का साथ दिया और उनके साथ चुनाव प्रचार किया. 1998 के लोकसभा में उदय लाल आंजना ने भाजपा के कद्दावर नेता और तत्कालीन केंद्रीय रक्षामंत्री जसवंत सिंह को हराया था. यह मामला दिलचस्प है क्योंकि आंजना का काफी लंबा राजनीतिक अनुभव रहा है.

आंजना ने कई मुद्दों पर घेरा

भाजपा उम्मीदवार व भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी को कई मुद्दों पर आंजना ने घेरा. अफीम काश्तकारों की समस्या, किसान, महंगाई, विकास, वर्ल्ड हेरिटेज चित्तौड़ दुर्ग पर आने वाले पर्यटकों की सुविधाओं समेत कई मुद्दों को लेकर हमलावर होते रहें. सीपी जोशी के समर्थन में निम्बाहेड़ा में यूपी के सीएम का रोड़ शो, चित्तौड़गढ़ में सीएम की सभा, उपमुख्यमंत्री का रोड़ शो, बस्सी में असम के सीएम की सभा की गई.

भाजपा उम्मीदवार सीपी जोशी प्रदेश अध्यक्ष होने के बावजूद दूसरे चरण के चुनाव के दौरान अपनी ही सीट पर चुनाव प्रचार में लगे रहें जिसके कारण लोकसभा चुनाव लड़ रहे प्रदेश में अन्य उम्मीदवारों के प्रचार के लिए समय नहीं दे पाए.

इस सीट पर कांटे की टक्कर

लोगों में यह भी चर्चा हैं कि कांग्रेस उम्मीदवार आंजना एक मजबूत नेता हैं और उनके इस चुनावी मैदान में उतरने से चुनाव काफी टफ हो गया हैं. एकतरफा कुछ कहा नहीं जा सकता हैं. निम्बाहेड़ा-छोटीसादड़ी क्षेत्र से कांग्रेस के आंजना आते हैं. उस क्षेत्र में सर्वाधिक वोटिंग हुई हैं. जबकि 2019 के चुनाव वोटिंग प्रतिशत के मुकाबले इस बार करीब साढ़े 3 फीसदी कम वोटिंग होकर 68.61 फीसदी ही मतदान हुआ.

8 विधानसभा में इस लोकसभा चुनाव में 14 लाख 88 हजार 898 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया हैं. अभी तक हुए लोकसभा चुनाव में एक ही पार्टी से किसी भी उम्मीदवार ने जीत हैट्रिक नहीं लगाई हैं.

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