
राजस्थान में जातीय जहर का बड़ा मामला सामने आया है, जहां हाइवे से गुजर रहे कार सवार ग्राहकों नें महज इसलिए अपना चाय का ऑडर केंसिल कर दिया कि चाय बनाने वाला तथाकथित छोटी जाति का था. चाय वाले और ग्राहकों के बीच बहस का यह पूरा वीडियो सोशल मीडिया पर भी जमकर वायरल हो रहा है. इस पुरे प्रकरण में सांडवा थाने में एससी-एसटी एक्ट की संगीन धाराओं में मामला दर्ज हुआ है.
सांड़वा थानाधिकारी करतार सिंह ने बताया कि थाना इलाके के ईयारा निवासी 30 वर्षीय चेनाराम मेघवाल ने थाने में दी रिपोर्ट में बताया की बम्बू ईयारा फांटा पर उसकी चाय का नाश्ते की दुकान है. 5 सितंबर को बीकानेर के नोखा की और से उसकी दुकान के आगे एक बोलेरो गाड़ी आकर रुकी और उसमें से कुछ लोगों नें उतर कर उन्हें चार चाय का ऑडर दिया और तभी बोलेरो सवार लोगों में से एक शख्स ने आकर मुझसे मेरा नाम और मेरी जात पूछी और नाम और जात बताने पर सभी लोग खड़े होकर वहां से जाने लगे.
''हमें नीची जाति के लोगों के हाथों से बनी चाय नहीं पीनी''
पीड़ित ने दर्ज मामले में बताया जब उसने, उन लोगों से कहा आपने चाय का ऑडर दिया था और चाय बनकर तैयार है तो उन्होंने कहा हमें नीची जाति के लोगों के हाथों से बनी चाय नहीं पीनी है. पीड़ित ने दर्ज मामले में बताया उसने जब चाय के पैसे मांगे तो बोलेरो सवार लोगों नें पैसे देने से मना करते हुए अंजाम भुगतने की धमकी दी.
सीओ करेंगे मामले की जांच
सांड़वा थानाधिकारी करतार सिंह नें बताया पीड़ित की रिपोर्ट पर सांड़वा थाने में बीएनएस की धाराओं में एससी-एसटी एक्ट के तहत बीकानेर के सोहन जाट के खिलाफ मामला दर्जकर मामले की जांच सीओ प्रहलादराय को सौंपी है. वहीं, पूरे प्रकरण में भीम सेना ने भी इस मामले के सामने आने के बाद बड़े प्रदर्शन की चेतावनी देते हुए कहा कि भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में आज भी लोगों में ओछी मानसिकता है.