
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने प्रदेश में किसानों को बड़ी सौगात दी है. सीएम ने 400 केवी और उससे अधिक क्षमता की नई ट्रान्समिशन लाइनों के निर्माण पर आरओडब्ल्यू (ROW) से प्रभावित जमीन के लिए किसानों को दिए जाने वाले मुआवजे की संशोधित नीति को स्वीकृति प्रदान की है. सीएम भजनलाल के इस निर्णय से अब 400 केवी और उससे अधिक ट्रान्समिशन लाइन के निर्माण में अतिरिक्त मुआवजा दिया जायेगा.
किसानों की सालों पुरानी मांग मंजूर
किसानों की सालों पुरानी मांग स्वीकार किए जाने से भविष्य में किसानों को ट्रान्समिशन लाइनों के पथाधिकार और टावर क्षेत्र में उपयोग में आने वाली भूमि का समुचित मुआवजा मिल सकेगा. राजस्थान में 8 नवम्बर, 2024 को लागू 132 केवी या उससे ज्यादा क्षमता की नई ट्रान्समिशन लाइन के निर्माण पर पथाधिकार (ROW) से प्रभावित भूमि के बदले मुआवजा नीति में 400 केवी और उससे अधिक वोल्टेज की ट्रान्समिशन लाइनों के लिए आंशिक संशोधन किया गया है.
किसानों को बड़े पैमाने पर लाभ होगा- मंत्री
ऊर्जा राज्य मंत्री हीरालाल नागर ने बताया कि संशोधित नीति से किसानों को बड़े पैमाने पर लाभ होगा, जिससे किसानों के खेत में 400 केवी और उससे अधिक ट्रान्समिशन लाइनों के निर्माण पर होने वाले नुकसान की समुचित भरपाई हो सकेगी. इससे प्रदेश में अधिक क्षमता की ट्रान्समिशन लाइनों के निर्माण कार्य तेज गति से हो सकेंगे, जिसका लाभ प्रदेश के आम उपभोक्ताओं को भी अच्छी गुणवत्ता की बिजली के रूप मे मिल सकेगा.
200 प्रतिशत मुआवजा और मिलेगा
संशोधित नीति के मुताबिक, इन लाइनों के टावर के आधार क्षेत्र के लिए डीएलसी दरों के अनुसार भूमि मूल्य पर पहले से देय 200 प्रतिशत के अलावा अब 200 प्रतिशत मुआवजा और दिया जायेगा. टावर का आधार क्षेत्र, भूतल पर टावर के चारों पैरों से घिरा हुआ क्षेत्र होगा, साथ ही प्रत्येक तरफ एक मीटर का अतिरिक्त विस्तार भी होगा. इसके अलावा पथाधिकार (ROW) कॉरिडोर के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि मूल्य का 30 प्रतिशत, नगर पालिका और अन्य सभी शहरी नियोजन क्षेत्रों के लिए भूमि मूल्य का 45 प्रतिशत और नगर निगमों और महानगरीय क्षेत्रों में भूमि मूल्य का 60 प्रतिशत मुआवजा राशि देय होगी.
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