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लोकसभा चुनावः भरतपुर में इस बार मुकाबला कड़ा, प्रत्याशियों के बदलने की भी चर्चा; दोनों तरफ से दावेदारों की फेहरिस्त लंबी

भरतपुर लोकसभा सीट से वर्तमान में भाजपा की रंजीता कोली सांसद है, लेकिन वर्तमान सांसद का क्षेत्र में विरोध देखने को मिला है और यही वजह है कि भाजपा नए उम्मीदवार पर दांव लगा सकती है.

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लोकसभा चुनावः भरतपुर में इस बार मुकाबला कड़ा, प्रत्याशियों के बदलने की भी चर्चा; दोनों तरफ से दावेदारों की फेहरिस्त लंबी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ भरतपुर की सांसद रंजीता कोली.

Bharatpur Lok Sabha Constituency: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर पूरे देश में अब सियासी माहौल बनने लगा है. भाजपा-कांग्रेस सहित सभी दल और उनके नेता अपनी-अपनी तैयारियों में जुटे हैं. निर्वाचन आयोग और प्रशासन भी अपनी तैयारियों में जुटा है. इस बीच NDTV राजस्थान आपको प्रदेश की अलग-अलग लोकसभा सीटों का पूरा सियासी समीकरण समझा रहा है. इस कड़ी आज हम आपको बताने जा रहे हैं भरतपुर लोकसभा सीट की कहानी.

भरतपुर की लोकसभा सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है. इस लोकसभा सीट में जाट समाज के साथ जाटव समाज का वोट जीत-हार में निर्णायक भूमिका निभाता है. भरतपुर के सात और अलवर जिले की एक विधानसभा कठूमर विधानसभा क्षेत्र को जोड़कर भरतपुर लोकसभा सीट बनाई गई है.

1952 में यहां पहला लोकसभा चुनाव हुआ था जिसमें गिर्राज शरण सिंह निर्दलीय जीते थे. वर्तमान में भाजपा की रंजीता कोली यहां की सांसद हैं. कोली ने कांग्रेस के उम्मीदवार अभिजीत कुमार जाटव को हराकर विजय हासिल की थी. अब तक इस लोकसभा सीट पर 17 बार चुनाव हुए हैं जिनमें से 7 बार कांग्रेस और 6 बार भाजपा ने बाजी मारी है. जबकि चार बार अन्य दल के साथ निर्दलीयों का कब्जा रहा है.

7 बार कांग्रेस और 6 बार भाजपा ने बाजी मारी

साल 1952 में हुए प्रथम लोकसभा चुनाव में गिर्राज सिंह शरण निर्दलीय,1957 और 1962 में कांग्रेस से राजबहादुर,1967 में  बृजेंद्र सिंह निर्दलीय,1971 में कांग्रेस से राजबहादुर,1977 में पंडित रामकिशन जनता पार्टी,1980 में कांग्रेस से राजेश पायलट,1984 में कांग्रेस से नटवर सिंह,1989 में विश्वेंद्र सिंह जनता दल,1991 में भाजपा से कृष्ण कौर और 1996 में भाजपा से महारानी दिव्या सिंह,1998 में कांग्रेस से नटवर सिंह,1999 और 2004 में भाजपा के विश्वेंद्र सिंह, 2009 में कांग्रेस के रतन सिंह 2014 में भाजपा के बहादुर सिंह कोली और 2019 में भाजपा की रंजीता कोली यहां से जीते हैं. 

2009 में हुई थी अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित 

भरतपुर लोकसभा सीट 2009 में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित कर दी गई थी. इस सीट में भरतपुर जिले की 7 विधानसभाओं के साथ अलवर जिले की एक विधानसभा भी शामिल है. भरतपुर जिले की भरतपुर, डीग - कुम्हेर, रुपवास - बयाना ,वैर - भुसावर, नदबई, कामा, नगर और अलवर जिले की कठूमर शामिल है.

जाट-जाटव-मुस्लिम मतदाता निर्णायक 

इस लोकसभा में कुल मतदाता 2,109,013 है जबकि इनमें महिला मतदाता 985750 हैं. जबकि पुरुष मतदाता 1,123,863 है. इनमें सर्वाधिक मतदाता जाट समाज के हैं जिनकी संख्या 5 लाख के आस-पास है जबकि दूसरे नंबर पर जाटव समाज के मतदाता है जिनकी संख्या 3.50 लाख है. इसके अलावा कामां, नगर विधानसभा में मुस्लिम मतदाता भी जीत-हार में अहम भूमिका निभाते हैं.  

कांग्रेस बना सकती है पूर्व कैबिनेट मंत्री भजन लाल जाटव को प्रत्याशी

राजस्थान की गहलोत सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे भजनलाल जाटव को भरतपुर लोकसभा सीट से उम्मीदवार बना सकती है. क्योंकि भजनलाल जाटव दो बार के विधायक हैं और समाज में अच्छी पकड़ होने के साथ कांग्रेस पार्टी के कर्मठ कार्यकर्ता है.यही वजह है कि कांग्रेस लोकसभा चुनाव में इनपर दाव खेल सकती है.

भाजपा जता सकती है नए उम्मीदवार पर भरोसा

भरतपुर लोकसभा सीट से वर्तमान में भाजपा की रंजीता कोली सांसद है, लेकिन वर्तमान सांसद का क्षेत्र में विरोध देखने को मिला है और यही वजह है कि भाजपा नए उम्मीदवार पर दांव लगा सकती है. नए उम्मीदवारों में शिवानी दायमा, कामां विधायक नौक्षम चौधरी, गोपाल पहाड़िया दुर्गेश भूट्टोलिया ,नीलम जाटव, प्रेम सिंह आर्य को टिकट मिल सकता है.

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