Rajasthan News: राजस्थान विधानसभा के बजट सत्र (Rajasthan Budget Session 2024) में मंगलवार को प्रश्नकाल के दौरान हंगामा हो गया. इस बार मुद्दा अवैध बजरी खनन (Illegal Gravel Mining) का था, जिसका जवाब देते हुए मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर (Gajendra Singh Khimsar) ने अब तक की गई कार्रवाई के आंकड़े पेश कर दिए. हालांकि जब नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली (Tika Ram Jully) खड़े हुए तो उन्होंने सरकार पर अभियान को जल्दी बंद करने का आरोप लगाया, जिसके बाद हंगामा शुरू हो गया.
'राजस्थान में अवैध खनन पूरी तरह बंद हो गया?'
जूली ने कहा, 'राजस्थान के 15 जिलों में अवैध खनन किया जा रहा है. मैंने स्थगन के माध्यम से पहले भी इस मुद्दे को सदन में उठाया है. लेकिन आज जब वही मुद्दा वापस उठा तो मंत्री ने कहा कि इस संबंध में अभियान चलाए गए थे, जिनसे उसे काफी हद तक रोकने में कामयाबी मिली. मैं सिर्फ उनसे यह जानना चाहता हूं कि सरकार ने इन अभियानों को बंद क्यों कर दिया? क्या राजस्थान में अवैध खनन पूरी तरह से बंद हो गया था? क्या बजरी माफिया पर रोक लग गई थी? आपने इसे क्यों बंद करना पड़ा?'
'सिर्फ सेटिंग करने के लिए चलाए गए यह अभियान'
कांग्रेस नेता ने आगे कहा, 'प्रदेश में हालात ऐसे हैं कि SDM जाब्ता मांगती हैं और SHO आने से मना कर देता है. फिर बिना जाब्ते के उन्हें अकेले जाना पड़ता है. इसीलिए मैं मंत्री से पूछना चाहता हूं कि क्या प्रदेश में अवैध खनन पर रोक लग गई जो आपने यह अभियान बंद कर दिया? यह अभियान एक सेटिंग कराने के लिए चलाया गया था और सेटिंग होते ही अभियान को बंद कर दिया.' इसके बाद सदन में हंगामा शुरू हो गया. बीजेपी के नेता इन आरोपों को गलत करार देते रहे, वहीं विपक्ष के नेता जोर-जोर से मेज पीटते रहे.
'आपकी सरकार ने तो ऐसा कुछ किया ही नहीं था'
इसके बाद चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह ने नेता प्रतिपक्ष के आरोपों पर जवाब देते हुए सदन में कहा, 'कोई भी अभियान 2-3 सालों तक नहीं चलता. हर अभियान एक शॉर्ट टर्म के लिए चलाया जाता है. मैंने सदन में आंकड़े पेश किए हैं. आप एक बार उस रिपोर्ट को तो देखिए कि कितना एक्शन लिया गया. 15 दिन की एक्शन रिपोर्ट हैरान कर देगी. ऐसे ही कोई नहीं कह सकता कि कुछ नहीं किया, अभियान क्यों बंद कर दिया. जिला लेवल पर हमने SIT बनाई हुई है, जिसकी लगातार बैठकें होती रहती हैं. आपकी सरकार ने तो ऐसा कुछ किया ही नहीं था. इसके बावजूद नेता प्रतिपक्ष सराहना करने के बजाय ये पूछ रहे हैं कि अभियान क्यों बंद कर दिया. आपको बता दें कि उस वक्त आचार संहिता लग गई थी.'
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