Suspension of Opposition MPs: संसद के मौजूद सत्र में बड़ी संख्या में विपक्षी सांसदों को निलंबित कर दिया गया. इस घटना के खिलाफ कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों में आक्रोश है. विपक्षी सांसदों के निलंबन के खिलाफ कल यानी शुक्रवार 22 दिसंबर को कांग्रेस विरोध प्रदर्शन करने वाली है. इससे पहले गुरुवार को राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने संसद के मौजूदा सत्र के दौरान दोनों सदनों से बड़ी संख्या में विपक्षी सदस्यों के निलंबन को संसद के इतिहास में दुर्भाग्यपूर्ण घटना बताया है.
गहलोत ने गुरुवार को सोशल मीडिया 'एक्स' पर लिखा, ‘‘लोकसभा के निष्पक्ष संचालन की जिम्मेदारी अध्यक्ष महोदय की होती है। संसद की सुरक्षा में चूक के गंभीर मामले में अध्यक्ष यदि गृहमंत्री को सदन में बयान देने का निर्देश देते तो यह मामला ही खत्म हो जाता और इतना हंगामा नहीं होता.''
लोकसभा के निष्पक्ष संचालन की जिम्मेदारी स्पीकर महोदय की होती है। संसद की सुरक्षा में चूक के गंभीर मामले में स्पीकर यदि गृहमंत्री को सदन में बयान देने का निर्देश देते तो यह मामला ही खत्म हो जाता और इतना हंगामा नहीं होता। इस गंभीर मुद्दे पर केन्द्र सरकार की ओर से बयान ना आना एवं…
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) December 21, 2023
पूर्व सीएम गहलोत ने आगे लिखा, ‘‘इस गंभीर मुद्दे पर केंद्र सरकार की ओर से बयान ना आना एवं चर्चा की बजाय विपक्षी सांसदों को निलंबित करना संसद के इतिहास में दुर्भाग्यपूर्ण घटना के रूप में दर्ज हो गया है.'' उल्लेखनीय है कि विपक्षी सांसदों को संसद से निलंबित करने के फैसले के खिलाफ कांग्रेस की राजस्थान इकाई शुक्रवार को राज्य भर में विरोध प्रदर्शन करेगी.
लोकसभा के 146 व राजसभा के 34 सांसद निलंबित
मालूम हो कि शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन लोकसभा से कांग्रेस के तीन सांसदों को सस्पेंड कर दिया गया. 14 दिसंबर को 14 सांसद सस्पेंड (13 लोकसभा से एक राज्यसभा से) हुए थे. 19 दिसंबर को 78 सांसदों को सस्पेंड किया गया. 20 दिसंबर को लोकसभा से 2 सांसदों को निलंबित किया गया. 21 दिसंबर को तीन और सांसदों को सस्पेंड किया गया. अब तक 146 सांसद निलंबित किए जा चुके हैं. इनमें 112 लोकसभा और 34 राज्यसभा के हैं.
यह भी पढ़ें -