शनिवार को दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट से राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को बड़ी राहत मिली है. केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से जुड़े मानहानि मामले में दिल्ली की अदालत ने गहलोत को ट्रायल कोर्ट में वीसी से पेश होने की राहत बरकरार रखी है. इस मामले में शनिवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट (Rouse Avenue Court) में विशेष जज एम के नागपाल की अदालत में सुनवाई हुई. कोर्ट ने मुख्यमंत्री गहलोत को राहत देते हुए 14 अक्टूबर तक अंतरिम सुनवाई की तारीख बढ़ा दी है. अगली सुनवाई पर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत भी अपना पक्ष रखेंगे.
गहलोत ने मामले की ट्रायल पर रोक लगाने को लेकर याचिका दायर की है. मालूम हो मुख्यमंत्री गहलोत को मिली अंतरिम राहत का आज अंतिम दिन था. इसके पहले सेशन कोर्ट ने 16 सितंबर तक वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश होने की अंतरिम राहत दी थी. जिसे अब बढ़ा कर 14 अक्टूबर कर दिया गया है.
इसके बाद शेखावत ने दिल्ली कोर्ट में उन्हें बदनाम करने का आरोप लगाकर सीएम गहलोत के खिलाफ आपराधिक मानहानि का केस दायर किया था. शेखावत ने कहा था कि राजस्थान के मुख्यमंत्री ने ना सिर्फ उनके छवि को नुकसान पहुंचाई है, बल्कि उनकी दिवंगत मां को भी आरोपी करार दिया. इस मामले को लेकर सीएम गहलोत का कहना है कि उन्होंने जो कुछ भी कहा वो कथित घोटाले पर राजस्थान पुलिस की एसओजी की रिपोर्ट पर आधारित है.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लगाए थे यह आरोप
सीएम गहलोत और शेखावत के बीच लंबे समय से आरोप-प्रत्यारोप चलते रहे हैं. गहलोत केंद्रीय मंत्री पर उनकी सरकार गिराने की कोशिश का भी आरोप लगाते रहे हैं. आपको बता दें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 21 फरवरी को आरोप लगाया था कि गजेंद्र सिंह शेखावत के माता-पिता और पत्नी समेत उनका पूरा परिवार संजीवनी घोटाले में शामिल है. गुरुवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने मामले को लेकर सुनवाई की थी और इसके बाद कोर्ट ने अशोक गहलोत को समन जारी कर दिया था.
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