सरहदी जिले बाड़मेर में विकास की रफ्तार के साथ अपराध की काली साया भी तेज रफ्तार से बढ़ रहा है. नियोजित गैंग बनाकर रंगदारी, लूट, हमले और जमीन कब्जाने जैसे संगीन अपराध करने वाले बदमाशों पर पुलिस ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. इसी कड़ी में 25 हजार का इनामी खूंखार गैंगस्टर अजय सिंह को ATS और ANTF की संयुक्त टीम ने शनिवार देर रात दबिश देकर गिरफ्तार कर लिया. आरोपी ने अपराध को 'कॉर्पोरेट मॉडल' में ढाल दिया था. गैंग में भर्ती के लिए इंटरव्यू, पैसे लेकर वारदात, फाइनेंस की गाड़ियां छीनना और मोटी रकम लेकर आराम की जिंदगी जी रहा था.
मुंबई से बाड़मेर तक अपराध का सफर
चौहटन थाना क्षेत्र के दुधवा खुर्द निवासी अजय सिंह पुत्र सवाई सिंह ने 12वीं तक पढ़ाई की. कमाई की तलाश में मुंबई पहुंचा. वहां इलेक्ट्रॉनिक दुकान पर 3 साल काम किया. 2020 में बाड़मेर लौटकर फाइनेंस का कारोबार शुरू किया, लेकिन जल्द ही मारपीट और धोखाधड़ी के मामले उसके नाम पर दर्ज होने लगे. मुनाफा कम देखकर शराब ठेके में हाथ आजमाया, पर असली कमाई का रास्ता अपराध में मिला. धारिया गैंग से अलग होकर बनाई 'केसर कालवी गैंग' अजय ने पहले धारिया गैंग का सक्रिय सदस्य बनकर जमीनों पर कब्जा किया और रंगदारी वसूली. बाद में खुद की केसर कालवी गैंग बनाई और बदमाशों की भर्ती के लिए इंटरव्यू लेने लगा.
पैसे लेकर छीनता था गाड़ियां
फाइनेंस कंपनियों से मोटी रकम लेकर उनकी गाड़ियां छीनना या पैसे लेकर छोड़ना उसकी रोजी-रोटी बन गई. दर्जनों मामले, बड़े गैंगस्टरों से संपर्क हमला, लूट, जमीन छुड़वाना, रंगदारी आदि अजयसिंह की पहचान बन चुके थे
पुलिस ने गैंगस्टरों की सूची तैयार बनाई है
ANTF और स्थानीय पुलिस के संयुक्त इनपुट पर रात में छापेमारी की गई. आरोपी को धरदबोचा गया और न्यायालय में पेश कर रिमांड पर लिया गया. पुलिस ने सभी सक्रिय गैंगस्टरों की सूची तैयार कर रखी है, और विशेष टीमें लगातार दबिश दे रही हैं. बाड़मेर में अपराध पर लगाम की तैयारी पुलिस अधीक्षक ने बताया की अपराध को कॉर्पोरेट स्टाइल में चलाने वाले गैंगस्टरों पर कड़ी कार्रवाई जारी रहेगी.
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