Rajasthan News: डिजिटलीकरण के इस दौर में एक ओर तकनीकी में तेजी से विकास हो रहा है. वहीं दूसरी ओर डिजिटल माध्यमों से ठगी के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं. शेयर मार्केट में निवेश के नाम पर साइबर ठग अब डमी एप्लिकेशन, व्हाट्सएप ग्रुप और फर्जी लिंक के जरिए भोले-भाले लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं. इसका बड़ा उदाहरण राजस्थान की न्यायिक राजधानी जोधपुर में देखने को मिल रहा है. जहां बीते एक साल के दौरान करीब 60 मामलों में 100 करोड़ से ज्यादा की ठगी के मामले सामने आए हैं.
डमी एप और फर्जी लिंक से हो रही ठगी
जोधपुर साइबर थाना अधिकारी पुष्पेंद्र सिंह ने बताया कि ठग डमी एप्लीकेशन बनाकर कम निवेश में ज्यादा मुनाफा दिखाने का झांसा देते हैं. इसके जरिए लोगों को ठगी का शिकार बनाया जा रहा है. उन्होंने जानकारी दी कि निवेश से पहले एप्लीकेशन की जांच करना जरूरी है.
साथ ही उन्होंने कहा कि लोगों को कभी भी bulk में पैसा लगाने से बचना चाहिए. किसी अज्ञात नंबर से आए मैसेज या लिंक पर क्लिक न करें. अगर ठगी हो जाए, तो तुरंत 1930 पर कॉल करके ट्रांजेक्शन रोकने की कोशिश करें.
सोशल मीडिया पर सक्रिय फर्जी एप्स
जोधपुर में लगभग 1.25 लाख लोग शेयर मार्केट में सक्रिय हैं. सोशल मीडिया पर कई फर्जी एप्स मौजूद हैं, जो नामी कंपनियों के एप्स की तरह दिखते हैं. इनसे बचाव के लिए जागरूकता बेहद जरूरी है.
स्टॉक मार्केट में बढ़ते निवेश और खतरे
आईसीएसई जोधपुर चैप्टर के पूर्व चेयरमैन केशव राठी का कहना है कि भारत का शेयर मार्केट तेजी से बढ़ रहा है, जिससे लोग ज्यादा रिटर्न की उम्मीद में निवेश कर रहे हैं. हालांकि ज्यादा लालच और बिना जानकारी के निवेश खतरनाक हो सकता है.
उन्होंने सलाह दी कि निवेश से पहले सेबी (SEBI) द्वारा मान्यता प्राप्त ब्रोकर और एप्लीकेशन का चयन करें. साथ ही ऑनलाइन अकाउंट ओपन करने के बजाय मैन्युअल तरीके से ब्रोकर के पास जाकर प्रक्रिया पूरी करें.
जागरूकता की कमी बनी बड़ी वजह
विशेषज्ञों का कहना है कि लोगों में जागरूकता की कमी के चलते साइबर ठगी के मामले बढ़ रहे हैं. समय-समय पर जागरूकता से जुड़े सेमिनार और वेबिनार आयोजित कर लोगों को साइबर एक्ट और शेयर मार्केट से जुड़ी सावधानियों के प्रति सतर्क करना जरूरी है.
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