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Daak Kanwar: 1000 किमी पैदल चलकर गंगोत्री से बीकानेर लाए पवित्र जल, 5 दिन में चलते थे 250 किमी

Rajasthan: बीकानेर जिले के उपनगर श्रीरामसर और सूजंदेसर के श्रद्धालुओं का एक दल लगभग 1000 किलोमीटर की पैदल यात्रा पूरी कर, पवित्र गंगोत्री धाम से गंगाजल लेकर बीकानेर पहुंचा.

Daak Kanwar: 1000 किमी पैदल चलकर गंगोत्री से बीकानेर लाए पवित्र जल, 5 दिन में चलते थे 250 किमी
पैदल यात्रा कर बीकानेर पहुंची डाक कावड़

Sawan 2025 jal Dak Kavad: राजस्थान के बीकानेर में भगवान महादेव के प्रिय सावन मास में भक्तों की  श्रद्धा और समर्पण का एक अद्भुत उदाहरण देखने को मिला है. बीकानेर जिले के उपनगर श्रीरामसर और सूजंदेसर के श्रद्धालुओं का एक दल, लगभग 1000 किलोमीटर की पैदल यात्रा पूरी कर, पवित्र गंगोत्री धाम से गंगाजल लेकर बीकानेर पहुंचा. माना जाता है कि सावन में सच्चे मन से की गई भक्ति से हर मनोकामना पूर्ण होती है, और इन्हीं विश्वासों के साथ इन भक्तों ने अपनी कठिन यात्रा पूरी की.

45 श्रद्धालुओं ने तय किया 1000 किमी का कठिन सफर

लगभग 45 श्रद्धालुओं का यह दल 23 जून को गंगोत्री धाम से अपनी जल डाक कांवड़ यात्रा पर निकला था. डाक कांवड़ का महत्व इसलिए भी खास है क्योंकि इसमें भक्त दिन-रात बिना रुके  पैदल चलते हुए शिवधाम तक पवित्र गंगाजल पहुंचाते हैं. इन कांवड़ियों ने 5 दिन में 250 किमी का सफर तय किया. 

जलाभिषेक करते हुए भक्त

जलाभिषेक करते हुए भक्त
Photo Credit: NDTV

बीकानेर में हुआ भव्य स्वागत

वही आज जब यह डाक कांवड़ यात्रा बीकानेर पहुंची, तो शहरवासियों ने जगह-जगह श्रद्धालुओं का भव्य स्वागत किया. फूलों की वर्षा, ढोल-नगाड़ों की गूंज और 'हर-हर महादेव' के जयकारों से पूरा वातावरण भक्तिमय हो उठा.

भक्ति, एकता और सेवा का संदेश

इस दल के सदस्यों का कहना है कि उनकी यात्रा का मुख्य उद्देश्य केवल भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करना ही नहीं, बल्कि समाज को भक्ति, एकता और सेवा का संदेश देना भी है. बीकानेर पहुंचने के बाद, इन भक्तों ने सीधे भगवान महादेव को गंगोत्री से लाया गया पवित्र गंगाजल अर्पित किया. 

नाचते गाते शिवधाम पहुंचे कावड़िए

नाचते गाते शिवधाम पहुंचे कावड़िए
Photo Credit: NDTV

गंगोत्री और गौमुख से लाया जाता है पवित्र गंगाजल 

गौरतलब है कि सावन के महीने में कांवड़ यात्रा का विशेष महत्व है. देशभर के शिवालयों में जलाभिषेक के लिए उत्तराखंड स्थित गंगोत्री और गौमुख से पवित्र गंगाजल लाया जाता है. इस परंपरा का निर्वहन करते हुए, बीकानेर के इन श्रद्धालुओं ने भी अपनी आस्था का अर्पण महादेव को किया है.

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