राजस्थान के चूरू में फुटबॉल के मैदान में बेटियां अपना दमखम दिखा रही हैं. कठिन परिस्थितियों के बावजूद ये खिलाड़ी बड़े सपनों को लेकर दिन-रात मेहनत कर रही हैं. सुबह की ठंडी हवाओं में जब लोग अपने घरों में आराम कर रहे होते हैं, तब ये बेटियां फुटबॉल के मैदान में पसीना बहा रही होती हैं. उनके पैरों की तेजी और मैदान पर उनकी पकड़ किसी प्रोफेशनल खिलाड़ी से कम नहीं.
चूरू जिले के उदासर स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में 69वीं विद्यालय खेलकूद प्रतियोगिता के तहत 17 वर्षीय बालिका फुटबॉल वर्ग का राज्य स्तरीय कैंप जोरों पर चल रहा है. प्रदेश भर से प्रतिभाशाली 26 खिलाड़ी यहां पहुंचे, जिनमें से 9–10 दिसंबर को हुए चयन परीक्षण में 18 बच्चियां राष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिए चुनी गईं. अब यही खिलाड़ी 18 से 22 दिसंबर तक झारखंड के रांची में होने वाले नेशनल टूर्नामेंट में राजस्थान का प्रतिनिधित्व करेंगी.
''राजस्थान की टीम लगातार राष्ट्रीय स्तर पर पहुंच रही है''
कोच सुमन भांभू ने बताया कि सभी चयनित खिलाड़ी अत्यंत प्रतिभावान हैं और पहले भी नेशनल स्तर पर खेल चुकी हैं. कैंप में मॉर्निंग और इवनिंग दोनों सेशन में गहन अभ्यास चल रहा है. खिलाड़ियों को मैदान पर रणनीति, फाउल से बचाव, और मैच की तकनीकों के बारे में विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि “राजस्थान को AJFI में शामिल हुए चार–पांच साल ही हुए हैं, लेकिन तब से राजस्थान की टीम लगातार राष्ट्रीय स्तर पर पहुंच रही है. यह हमारे लिए गर्व की बात है.
राज्यभर की बेटियों की तैयारी का केंद्र
स्थानीय फिजिकल टीचर प्रकाशचंद्र ने बताया कि उदासर बिदावतन विद्यालय को यह कैंप मिलने से पूरे गांव में उत्साह का माहौल है. महंत श्री दयनाथ जी महाराज के आशीर्वाद और सरपंच व भामाशाहों के सहयोग से बना यह खेल मैदान आज राज्यभर की बेटियों की तैयारी का केंद्र बना हुआ है. उन्होंने कहा कि “आशा है यहां की तैयारी हमारी बेटियों को नेशनल स्तर पर शानदार प्रदर्शन करने में मदद करेगी.”
अनेक जिलों से खिलाड़ी यहां प्रशिक्षण ले रही हैं
विद्यालय के प्रिंसिपल मेघदान चारण ने इसे विद्यालय का सौभाग्य बताया. उन्होंने कहा कि 9 दिसंबर से कैंप शुरू हुआ है, 11 से 15 दिसंबर तक निरंतर प्रशिक्षण चलेगा, जिसके बाद यही टीम राजस्थान की ओर से रांची के लिए रवाना होगी. उन्होंने बताया कि श्रीगंगानगर, कोटा, बीकानेर, अजमेर, नागौर, हनुमानगढ़, अलवर और झुंझुनूं सहित प्रदेश के अनेक जिलों से खिलाड़ी यहां प्रशिक्षण ले रही हैं.
उम्मीद है कि एक दिन बड़े मंच पर खेलेंगी
प्लेयर आशु फोगट, मोनिका और हंसाकंवर ने बताया की हम चाहती हैं कि हमारे इलाके का नाम रोशन हो. मेहनत कर रही हैं और उम्मीद है कि एक दिन बड़े मंच पर खेलेंगी. वहीं अभ्यास कर रहीं खिलाड़ियों ने ग्रामीण क्षेत्रों में खेल सुविधाओं की कमी का मुद्दा भी उठाया. उन्होंने बताया कि गांवों के मैदान अक्सर संसाधनों के अभाव में बंजर पड़े होते हैं, फिर भी मेहनत और लगन के बल पर वे राष्ट्रीय स्तर तक पहुंची हैं. खिलाड़ियों ने कहा कि उनका लक्ष्य आने वाले समय में भारत के लिए खेलना है.
यह भी पढ़ें- शनिवार को भी खुला रहेगा राजस्थान हाईकोर्ट, अदालत के कार्य दिवस बढ़ाए जाने को लेकर बड़ा फैसला