Release Asaram Bapu: कथावाचक आसाराम बापू रेप केस में जोधपुर जेल में 11 साल से बंद है. उसके वकील ने इलाज के लिए कई बार जमानत याचिका कोर्ट में दाखिल की थी. लेकिन हर बार कोर्ट से याचिका खारिज कर दी गई. अब आसाराम को रिहा करने के लिए लोगों द्वारा रैली निकाली जा रही है. इसी कड़ी में बुधवार को कोटा में संत समाज के लोगों एवं आसाराम के भक्तों ने रैली निकालकर जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा और संत आसाराम को जल्द रिहा करने की मांग की. श्री योग वेदांत सेवा समिति की ओर से निकल गई रैली में लोग हाथों में आसाराम को रिहा करने की नारों की तख्तियां लेकर चल रहे थे. रैली के दौरान महिलाएं भी बड़ी संख्या में शामिल हुई.
रिहाई की मांग कर रहे लोगों का कहना है कि 86 वर्ष के वयोवृद्ध आसाराम को आयुर्वेदिक चिकित्सा की जरूरत है. इसके लिए उनको सुविधा उपलब्ध करवाई जाए ताकि उनका सुचारू इलाज हो सके. वहीं उन्होंने लंबित मामले में जल्द सुनवाई कर मामला सीबीआई को सौंपने और आसाराम को जल्द रिहा करने की भी मांग उठाई. रैली में शामिल लोगों के प्रतिनिधिमंडल ने जिला कलेक्टर को राष्ट्रपति और राज्यपाल के नाम ज्ञापन भी सौपा.
समर्थकों ने आसाराम पर चल रहे केस को बताया बनावटी
आसाराम बापू को रिहा करने की मांग करने पहुंचे प्रतिनिधिमंडल के सदस्य और गोदावरी धाम के संरक्षक शैलेंद्र भार्गव , डॉ. कपिल भोले ने बताया कि आसाराम लगभग 11 सालों से POCSO कानून के अंतर्गत एक बनावटी केस में राजस्थान की जोधपुर सेंट्रल जेल में हैं. 13 जनवरी 2024 की शाम को उनके सीने में भयंकर पीड़ा हुई. जिस कारण उन्हें जोधपुर AIIMS में भर्ती कराया गया था. वे वहां 25 दिन तक CCU (कार्डियक केयर यूनिट) में भर्ती रहे. उनके हृदय में 3 गंभीर (99%, 90% और 75%) ब्लॉकेज हैं.
11 साल से आसाराम को एक बार भी नहीं मिली बेल या पैरोल
बापूजी को लगातार छोटी आँत से रक्तस्त्राव हो रहा था जिसकी वजह से उनके हिमोग्लोबिन का स्तर लगातार गिरता जा रहा था. उन्हें 7 यूनिट खून चढाया गया. बापूजी की गंभीर शारीरिक स्थिति को देखते हुए हाल ही में पैरोल की अर्जी लगाई गई थी जिसे रद्द कर दिया गया. 11 वर्षों में एक भी बार उन्हें कोई बेल या पैरोल नहीं मिली है. वर्ष 2021 में भी कोरोना पॉजिटिव आने पर बापूजी कई दिनों तक ICU में स्वास्थ्य हेतु संघर्ष करते रहे थे तब उनका हिमोग्लोबिन मात्र 3.7 रह गया था, तब भी उन्हें कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली थी.
बापूजी ने अपने जीवन में अधिकतर आयुर्वेद एवं प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार लिया है एवं सदैव इन्हीं का प्रचार किया है. वे अभी भी अपना उपचार प्रतिष्ठित आयुर्वेदिक अस्पताल में करवाना चाहते हैं लेकिन माननीय न्यायालय ने इसकी भी अनुमति प्रदान ना कर उन्हें स्वास्थ्य के मौलिक अधिकार से वंचित किया है. भारत देश में जब आतंकवादियों के मानव अधिकारों का भी ध्यान रखा जाता है तो ऐसे में 86 वर्षीय वयोवृद्ध संत को न्याय क्यों नहीं?
आसाराम ने सनातन संस्कृति की कई सेवाएं की
रैली में शामिल लोगों ने कहा कि संत आसाराम बापू ने सदैव भारतीय सनातन संस्कृति के लिए अनेक सेवाएँ की हैं. 11 से भी अधिक वर्षों से जेल में रहने के बावजूद बापूजी की प्रेरणा से चल रहीं श्री योग वेदांत सेवा समितियां, महिला उत्थान मंडल, युवा सेवा संघ, बाल संस्कार केंद्र जैसे संगठन मातृ-पितृ पूजन, तुलसी पूजन, गरीब व आदिवासी विस्तार में भंडारे, व्यसन मुक्ति अभियान, गौ सेवा जैसी विभिन्न सामाजिक सेवाओं में निरंतर कार्यरत हैं.
हेल्थ इश्यू को देखते हुए रिहा करने की मांग उठाई
ऐसे में हम सभी की सरकार तथा न्याय व्यवस्था से केवल एक ही मांग है कि वर्तमान में स्वास्थ्य की गंभीर स्थिति को देखते हुए उन्हें तुरंत जमानत या पैरोल दी जाये, साथ ही उनके मौलिक अधिकारों को ध्यान में रखते हुए उन्हें उनकी अनुकूलता के अनुसार त्वरित उत्तम उपचार उपलब्ध कराया जाये. इस बारे में योग्य स्तर पर उचित कार्यवाही करवाने हेतु आप से करबद्ध प्रार्थना है. हमें पूर्ण विश्वास है कि आप हमारी विनती पर शीघ्रातिशीघ्र सकारात्मक कार्यवाही करवायेंगे.
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