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डीडवाना में नमक कारोबार पर पड़ी बरसात की मार, 500 करोड़ का कारोबार तबाह, हजारों परिवारों पर रोजी-रोटी का संकट

Didwana salt lake: डीडवाना जिले का नावां शहर नमक उत्पादन के लिए पूरे देश में प्रसिद्ध है. यहां पूरे राजस्थान का 80% और देश का लगभग 10% नमक उत्पादित होता है. नमक उत्पादन के मामले में नावां, गुजरात के बाद देश में दूसरे स्थान पर है. लेकिन इस साल हुई बेमौसम बारिश ने नमक उत्पादन पर कहर बरपाया है.

डीडवाना में नमक कारोबार पर पड़ी बरसात की मार, 500 करोड़ का कारोबार तबाह, हजारों परिवारों पर रोजी-रोटी का संकट
बारिश में बहा 500 करोड़ रुपये का माल

Didwana salt business ruined: डीडवाना जिले का नावां शहर नमक उत्पादन के लिए पूरे देश में प्रसिद्ध है. यहां पूरे राजस्थान का 80% और देश का लगभग 10% नमक उत्पादित होता है. नमक उत्पादन के मामले में नावां, गुजरात के बाद देश में दूसरे स्थान पर है. लेकिन इस साल हुई बेमौसम बारिश ने नमक उत्पादन पर कहर बरपाया है. सिर्फ जून महीने में हुई बेमौसम बारिश के कारण नावां नमक उद्योग का लगभग 500 करोड़ रुपये का कारोबार प्रभावित हुआ है और इसके कारण नमक उत्पादन में 40 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है.

नावां नमक उद्योग में  2500 उत्पादन इकाइयां हैं  स्थित 

जिले के नावां शहर में बहने वाली सांभर झील में 2500 नमक उत्पादन इकाइयां स्थित हैं, जिनमें हर साल 20 लाख मीट्रिक टन नमक का उत्पादन होता है. इन इकाइयों में लगभग 50 हज़ार श्रमिक काम करते हैं. लेकिन बारिश के कारण इस झील में नमक उत्पादन ठप हो गया है.

जून की बारिश में 500 करोड़ रुपये का नमक का माल बह गया

नमक विकास एवं कल्याण समिति, नावां के अध्यक्ष दिनेश जांदू ने बताया कि गर्मी के मौसम में जब तेज धूप होती है और तापमान अधिक होता है, तो बड़े पैमाने पर नमक का उत्पादन होता है. आमतौर पर मई और जून के महीनों में तेज गर्मी के कारण नमक उत्पादन में बंपर बढ़ोतरी होती है, लेकिन  इस बार जून के पहले सप्ताह में हुई बारिश ने नमक कारोबार को बुरी तरह प्रभावित किया है. जिससे बड़ी मात्रा में उत्पादित नमक पानी में बह गया। अकेले जून महीने में हुई बारिश से करीब 500 करोड़ रुपये का नमक कारोबार प्रभावित हुआ. इसके चलते नमक उत्पादन में करीब 40 फीसदी की गिरावट आई. 

 50,000 लोगों को मिलता है रोजगार 

नवां में स्थापित उत्पादन इकाइयों और रिफाइनरियों से लगभग 50,000 लोगों को रोजगार मिलता है.नवां नमक मंडी में उत्पादित देश के नमक का 10% उत्तरी भारत भेजा जाता है. नवां में हर साल लगभग 2,000 करोड़ रुपये का नमक होता है, लेकिन इस बार जब सीजन शुरू हुआ तो नमक उत्पादक 15 दिनों की हड़ताल पर चले गए. बाद में जून के महीने में बेमौसम बारिश के कारण नमक का कारोबार पूरी तरह प्रभावित हुआ.

2500 उत्पादन इकाइयां हैं स्थित

2500 उत्पादन इकाइयां हैं स्थित
Photo Credit: NDTV

नमक की तलहटियां बारिश के पानी से भरी

अब मानसून की बारिश के बाद नमक उत्पादन पूरी तरह ठप हो गया है. नमक की तलहटियां बारिश के पानी से भर गई हैं. नमक झील क्षेत्र में बारिश का पानी इतना ज़्यादा है कि उसे सूखने में काफ़ी समय लगेगा. इस वजह से नमक उत्पादन इकाइयां बंद हो गई हैं और हज़ारों मज़दूर काम के अभाव में बेरोजगार हो गए हैं.

रोजी रोटी पर संकट

रोजी रोटी पर संकट
Photo Credit: NDTV

 लाखों रुपए का हुआ नुकसान

इस हालात को लेकर नमक व्यापारी  आनंदीलाल कुमावत  ने बताया कि डीडवाना जिले में पिछले कुछ समय से मानसून की बरसात का दौर जारी है. इस बरसात से किसानों की फसलों को भले ही फायदा हुआ हो, मगर नावां में स्थित सांभर साल्ट क्षेत्र में बारिश ने नमक के कारोबार से जुड़े व्यापारियों के अरमानों को धो दिया है. इसकी वजह से  नमक उत्पादकों व रिफाइनरी संचालकों को लाखों रुपए का नुकसान झेलना पड़ा, वही नमक का निर्माण करने वाले हजारों मजदूरों को भी रोजगार से वंचित रहना पड़ा और मजबूरी में उन्हें वापस अपने गांव लौटना पड़ा है.

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