
Ajmer News: अजमेर में अतिवृष्टि के चलते उत्पन्न हालातों से निपटने के लिए जिला प्रशासन द्वारा किए जा रहे राहत कार्यों के बीच एक बड़ी लापरवाही सामने आई है. जलभराव वाले क्षेत्रों में राहत शिविरों की व्यवस्था की गई थी, जहां विस्थापित लोगों को पेयजल, खाद्य सामग्री व अन्य आवश्यक सुविधा मुहैया कराई जा रही थी. इन व्यवस्थाओं की निगरानी हेतु जिला रसद कार्यालय के प्रवर्तन निरीक्षक महेन्द्र यादव और राहुल वेदवाल को ड्यूटी सौंपी गई थी.
निरीक्षण के दौरान दोनों अधिकारी नहीं मिले मौके पर
जिला कलेक्टर एवं जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष लोक बंधु ने बताया कि दोनों अधिकारियों को विशेष रूप से अधिग्रहित संस्थानों पर नियुक्त किया गया था, लेकिन निरीक्षण के दौरान दोनों अधिकारी मौके से गैरहाजिर पाए गए. इस लापरवाही को प्रशासन ने गंभीरता से लिया और दोनों पर आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत कार्रवाई करते हुए तत्काल प्रभाव से निलंबन के आदेश जारी किए.
इन अधिकारियों पर उच्चाधिकारियों के आदेशों की अनदेखी, कार्य में स्वेच्छाचारिता, असंवेदनशीलता और अनुशासनहीनता जैसे गंभीर आरोप लगे हैं. इनका आचरण न केवल प्रशासनिक व्यवस्था के खिलाफ था बल्कि आपदा जैसी गंभीर परिस्थिति में जनहित के विरुद्ध भी सिद्ध हुआ.
नियम 1958 के तहत भी कार्रवाई
इन पर राजस्थान सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1958 के तहत भी कार्रवाई की गई है. निलंबन अवधि में इन दोनों को नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता मिलेगा, लेकिन विभागीय जांच के बाद आगे की कार्रवाई तय की जाएगी.इस कार्रवाई से साफ है कि जिला प्रशासन राहत कार्यों को लेकर किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेगा.
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