विधानसभा में आयोजित यूथ पार्लियामेंट के उद्घाटन समारोह में स्पीकर वासुदेव देवनानी ने कहा कि मजबूत बनने के लिए मजबूत मन होना जरूरी है. बच्चे अपने इंट्रेस्ट का करियर चुनें. देवनानी ने कहा कि बच्चे कई बार बिना रुचि करियर का चुनाव कर लेते हैं, कोचिंग में चले जाते हैं, वहां दबाव में आ जाते हैं. दबाव में आने की आवश्यकता नहीं है. डॉक्टर इंजीनियर ही सबसे बड़े खुदा नहीं होते हैं, सब बराबर हैं. आप अपनी रुचि के हिसरब से और भी बहुत से क्षेत्रों में जा सकते हैं.
"करियर काउंसलिंंग बहुत जरूरी"
वासुदेव देवनानी ने कहा कि करियर के लिए अलग-अलग क्षेत्रों के बारे में सोचें. अपनी रुचि और योग्यतर देखकर करियर चुनें. इसके लिए करियर काउंसलिंग बहुत जरूरी है. रुचि और योग्यता के आधार पर करियर का चयन करेंगे तो देश के युवाओं के लिए और देश के लिए फायदेमंद होगा.
छात्रा बोली- अभिमन्यू की तरह चक्रव्यूह में युवा घिरा
छात्रा फाल्गुनी यादव ने कहा कि हमारे किशोर-किशोरी महाभारत के अभिमन्यु की तरह चक्रव्यूह में फंसे हैं. वे तनाव और डिप्रेशन से घिरे हैं, जिसके कारण भविष्य का निर्णय नहीं कर पा रहे हैं. मेंटल हेल्थ के लिए उन्हें करियर काउंसलिंग की जरूरत है, जो सही राह दिखाए. हमारा एजुकेशन सिस्टम स्टूडेंट का मर्डर कर रहा है. सुसाइड गिने तो वह संख्या कोचिंग सेंटर की फीस से मैच करेंगी. बच्चों के भीतर की कॉम्पीटीशन की आग जला दी गई है. सवाल यह नहीं है कि आग किसने जलाई, सवाल यह है कि सिस्टम के हाथ तीली किसने थमाई?
"मेंटल हेल्थ पर ध्यान क्यों नहीं देते"
छात्रा ने कहा कि हम बच्चों की मौत सह लेते हैं, पर सिस्टम का कड़वा सच नहीं. हम 4 घंटे पढ़ाने के लिए देते हैं, लेकिन मेंटल हेल्थ पर क्यों नहीं ध्यान देते. अमेजन और नेटफ्लिक्स जिस तरह ट्रायल पैक देते हैं, उसी तरह का ट्रायल करियर चुनने से पहले होना चाहिए.
कोचिंग स्टूडेंट सुसाइड का मुद्द उठा
युवा संसद के दौरान स्टूडेंट के बीच बढ़ रहे तनाव और कोचिंग स्टूडेंट की आत्महत्याओं का मुद्दा प्रमुखता से उठा. स्टूडेंट की मेंटल हेल्थ पर हो रही बहस के दौरान कोचिंग के दबाव और बच्चों के बीच बढ रही प्रतिस्पर्धाा को तनाव का प्रमुख कारण बताया गया.
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