
Rajasthan News: भारत-पाक सीमा से सटे जैसलमेर जिले में एक बड़ा सुरक्षा मामला सामने आया है. यहां पोखरण फील्ड फायरिंग रेंज में मौजूद DRDO (रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन) के गेस्ट हाउस में कार्यरत मैनेजर महेन्द्र प्रसाद को जासूसी के शक में डिटेन किया गया है. शुरुआती पूछताछ के बाद उसे जयपुर भेज दिया गया है, जहां क्राइम इंवेस्टिगेशन डिपार्टमेंट (CIC) के अफसर उससे गहन पूछताछ करेंगे.
सुरक्षा एजेंसियों की मिलीजुली कार्रवाई
महेंद्र प्रसाद की गिरफ्तारी सोमवार देर रात हुई थी. बताया जा रहा है कि सुरक्षा एजेंसियां उस पर पाकिस्तान को संवेदनशील जानकारी लीक करने के शक में नजर बनाए हुए थीं. DRDO गेस्ट हाउस एक हाई-सिक्योरिटी जोन में आता है, जहां देश के टॉप साइंटिस्ट और सेना के अधिकारी अक्सर आते हैं.
मोबाइल और लैपटॉप जब्त, फॉरेंसिक जांच शुरू
सूत्रों के मुताबिक, 2020 में एक संदिग्ध कॉल के बाद महेंद्र ने कुछ गुप्त जानकारी जैसे गेस्ट्स की मौजूदगी की तारीखें एक स्लिप पर भेजी थीं. अब उसके मोबाइल, लैपटॉप और अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज़ को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है. जयपुर के CIC दफ्तर में दस्तावेजों और डिवाइसेज की बारीकी से जांच होगी.
राजस्थान बॉर्डर पर फिर जासूसी अलर्ट
राजस्थान का बॉर्डर एरिया पहले भी जासूसी के मामलों में सुर्खियों में रहा है. पिछले कुछ महीनों में जैसलमेर, बाड़मेर और श्रीगंगानगर जैसे सीमावर्ती जिलों से 5 से ज्यादा लोगों को जासूसी के आरोप में पकड़ा गया है. महेन्द्र प्रसाद का केस उसी कड़ी का हिस्सा माना जा रहा है.
अफसरों ने साधी चुप्पी
मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा हुआ है, इसलिए अधिकारी ज्यादा कुछ कहने से बच रहे हैं. लेकिन शुरुआती जांच में कुछ पुख्ता सुराग हाथ लगे हैं, जिससे यह मामला और भी गंभीर होता जा रहा है.
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