राजस्थान के जालोर जिले में इन दिनों स्कूल बसों में सुरक्षा की जांच चल रही है. जालोर के एक जज, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव एवं अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश अहसान अहमद ने बुधवार को यातायात विभाग की टीम के साथ निरीक्षण किया. जिले में चल रही स्कूली बाल वाहिनियों के निरीक्षण के दौरान कई गंभीर खामियां सामने आईं. इसके बाद कई स्कूलों के वाहनों के खिलाफ कार्रवाई की गई और 4 वाहनों के चालान किए गए.
लर्नर लाइसेंस पर चला रहा था स्कूल बस
निरीक्षण के दौरान गोल्डन फ्यूचर नामक स्कूल की बस चला रहे ड्राइवर को लर्नर लाइसेंस पर वाहन चलाते हुए पाया गया. इसे गंभीर लापरवाही माना गया. लर्नर लाइसेंस उस लाइसेंस को कहते हैं जिसे वाहन चलाना सीखने के लिए जारी किया जाता है. इस लाइसेंस के साथ चालक किसी ऐसे ड्राइवर के साथ ही वाहन चला सकता है जिसके पास पूर्ण लाइसेंस हो. इस स्कूल के एक अन्य वाहन का चालान भी काटा गया.

कई स्कूल बसों का चालान काटा गया
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स्कूल बस का रंग गलत
इसके अलावा विनायक फाउंडेशन एकेडमी की एक बस को पकड़ा गया. इस बस का रंग पीला नहीं था जो कि स्कूल बस के लिए अनिवार्य है. साथ ही इसमें और भी कई खामियां पाई गईं. इसके बाद बस को सीज कर लिया गया. निरीक्षण के दौरान टीम ने पाया कि कई बसों में प्राथमिक चिकित्सा पेटी (First Aid Box) या आग बुझाने के लिए अग्निशमन यंत्र नहीं थे.
साथ ही कुछ बसों में ड्राइवर यूनिफॉर्म में नहीं थे, जो कि नियमों के विरुद्ध है. जांच दल ने कहा कि स्कूल बसों में नियमों की अनदेखी एक गंभीर मामला है और इसकी वजह से हादसे का खतरा बढ़ रहा है. उल्लेखनीय है कि राजस्थान में पिछले कुछ समय में स्कूल बसों में हादसे होने की कई घटनाएं सामने आई हैं.
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