विज्ञापन
Story ProgressBack

राजस्थान के इस जिले में 300 चमागदड़ों की मौत से लोगों में दहशत, संक्रमण की आशंका

शहर के राजकीय पुस्तकालय में खड़े पेड़ो पर बसेरा डाले करीब 300 चमगादड़ों की गर्मी से मौत हो गई है. वहीं चमगादडों के शव सड़ने से संक्रमण फैलने की आशंका भी बनी हुई है.

Read Time: 3 mins
राजस्थान के इस जिले में 300 चमागदड़ों की मौत से लोगों में दहशत, संक्रमण की आशंका

Rajasthan Bat Death: राजस्थान में एक ओर भीषम गर्मी और हीट वेव से आम लोगों का जीवन अस्त व्यस्त हो गया है. वहीं गर्म हवा और तेज धूप से यहां पशु-पक्षी भी हलकान है. राजस्थान के डूंगरपुर जिले में तापमान 46 डिग्री पहुंच चुका है. ऐसे में यहां जीव-जंतु भी दम तोड़ने लगे हैं. यहां तेज धूप और लू की वजह से चमगादड़ों की मौत हो गई है. बताया जा रहा है तेज धूप से झुलसकर चमगादड़ों की मौत हो रही है. ऐसे में लोगों के लिए चमगादड़ों की मौत और भी दहशत का माहौल बना रहा है.

बताया जाता है कि शहर के राजकीय पुस्तकालय में खड़े पेड़ो पर बसेरा डाले करीब 300 चमगादड़ों की गर्मी से मौत हो गई है. वहीं चमगादडों के शव सड़ने से संक्रमण फैलने की आशंका भी बनी हुई है.

मृत चमगादड़ों को आवारा कुत्ते बना रहे भोजन

डूंगरपुर शहर के राजकीय पुस्तकालय में खड़े पेड़ों पर बसरे डाले चमगादड़ों की पिछले 5 दिनों से तापमान बढ़ने से लगातार मौतें हो रही है. यहां के पेड़ों के नीचे और आसपास के क्षेत्र में चमगादड़ों के शव बिखरे पड़े हैं. इनकी संख्या करीब 300 के आसपास है. शवों के सड़ने से काफी दुर्गंध फैल रही है. अनेक शवों को आवारा कुत्ते उठाकर अपना भोजन बना रहे हैं. वहीं चमगादड़ों के शव सड़ने से यहां के लोगों को संक्रमण फैलने की आशंका सताने लगी है.

पांच दिनों से चल रहा है चमगादड़ों के मौत का सिलसिला

रियासतकालीन राजकीय पुस्तकालय में 15 से 20 पुराने पेड़ हैं. इन पर वर्षों से सैकड़ों चमगादड़ों का बसेरा है. हालात का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पेड़ पर ही उल्टे लटके अवस्था में ही चमगादड़ों की मौत हो जा रही है. आसपास के लोगों का कहना है कि करीब 5  दिन पहले चमगादड़ों की मौत की घटना शुरू हुई है. शुरूआती दौर में गर्मी का असर कम था, इसलिए इक्के-दुक्के मरे हुए चमगादड़ नजर आ रहे थे. पिछले दिन से अचानक मौत की संख्या में वृद्धि हो गई है. वन्य जीव विशेषज्ञों का मानना है की गर्मियों में जब तापमान 45 डिग्री को पार जाने लगता है तथा हवाएं अति गर्म होकर चलती है तो पेड़ों पर उलटा लटकर बसेरा डालने वाली चमगादड़ें मरने लगती है. क्योंकि यह सुबह-शाम को ही पानी पीती है और दिन में पेड़ पर लटकर आराम करती है.

संक्रमण फैलने की आशंका

दो दर्जन प्रजातियों में से यही इकलौती ऐसी प्रजाति है जो फल सब्जी खाती है तथा अपने भारी शरीर के कारण खुले में रहती है. अन्य प्रजातियां पेड़ों के कोटर, गुफा आदि ऐसे स्थानों पर छिपकर रहती है जहां ठंडक रहती हो. मरी हुई चमगादड़ों के शवों से संक्रमण फैलने से रोकने के लिए इनको जमीन में खड्डा खोदकर दफनाना चाहिए. साथ ही इनकी मौतों को रोकने बगीचे में या आसपास के क्षेत्र में पानी भर के रखना होगा. इधर फिलहाल चमगादड़ों के शव मौके पर ही पड़े है. जिसके चलते इन शवो से संक्रमण फैलने की आशंका बनी हुई है.

यह भी पढ़ेंः Rajasthan: हाथों में जूते लेकर नाला पार करते नजर आए कैबिनेट मंत्री बाबूलाल खराड़ी, वायरल हुआ वीडियो

Rajasthan.NDTV.in पर राजस्थान की ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें. देश और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं. इसके अलावा, मनोरंजन की दुनिया हो, या क्रिकेट का खुमार, लाइफ़स्टाइल टिप्स हों, या अनोखी-अनूठी ऑफ़बीट ख़बरें, सब मिलेगा यहां-ढेरों फोटो स्टोरी और वीडियो के साथ.

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Our Offerings: NDTV
  • मध्य प्रदेश
  • राजस्थान
  • इंडिया
  • मराठी
  • 24X7
Choose Your Destination
Previous Article
राजस्थान में बजरी माफिया के खिलाफ CBI रेड पर सामने आई मेघराज सिंह रॉयल की प्रतिक्रिया, कहा- मेरा कोई...
राजस्थान के इस जिले में 300 चमागदड़ों की मौत से लोगों में दहशत, संक्रमण की आशंका
Eid of Tonk was very special during riyasat kaal Eidgah
Next Article
रियासत काल में टोंक की ईद होती थी बेहद खास, ईदगाह पर होता अद्भुत नजारा
Close
;