
जयपुर के गलता गेट थाना क्षेत्र के नागतलाई इलाके में मंगलवार शाम को दो बच्चों की कार में लाश मिली. उनकी पहचान अनस (8 वर्ष) और अहसान (5 वर्ष) के रूप में हुई. ऐसी संभावना जताई जा रही है कि दोनों बच्चे खेलते-खेलते गाड़ी में बंद हो गए होंगे और दम घुटने से उनकी मौत हो गई. हालांकि, परिजनों का आरोप है कि बच्चों की हत्या की गई है. सूचना पर पहुंची पुलिस दोनों बच्चों के शव को सवाई मानसिंह अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया. सवाई मानसिंह अस्पताल में पुलिस का भारी जाब्ता तैनात थी.
गाड़ी में दोनों के शव मिले थे
प्रदर्शन कर रहे परिजनों को पुलिस ने समझा बुझाकर शांत कराया. इसके बाद लोग शांत हुए और विरोध खत्म हुआ. मामले को लेकर पुलिस की तरफ से दिए गए आश्वासन को परिजनों ने माना और पोस्टमार्टम के लिए तैयार हो गए. दरअसल मंगलवार दोपहर 4:00 के करीब दोनों भाई अपने घर से लापता हो गए थे. 5:30 बजे घर से थोड़ी ही दूरी पर एक SUV गाड़ी में दोनों भाई की शव मिले.
प्रदर्शन करने लगे थे आरोपी
इसके बाद परिजनों ने हत्या का आरोप लगाते हुए पोस्टमार्टम करवाने से मना कर दिया था. दिल्ली रोड इलाके में धरना प्रदर्शन करने लगे. इसके बाद एडिशनल डीसीपी डॉक्टर दुर्ग सिंह सहित अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे और पांच सदस्यों का प्रतिमंडल वार्ता के लिए बुलाया.
पड़ोसी की थी गाड़ी
दुर्ग सिंह के आश्वासन पर परिजन शव लेने और पोस्टमार्टम करवाने के लिए तैयार हुए. जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में बच्चों के शव को पोस्टमार्टम के लिए रखवाया. जिस गाड़ी में बच्चों के शव मिले हैं, वह गाड़ी पड़ोसी सूरजमल बंजारा की बताई जा रही है.
पिता ने मांगा मुआवजा
परिजन ने राजस्थान सरकार से मांग की है कि घर की आर्थिक स्थिति को देखते हुए ज्यादा से ज्यादा उचित मुआवजे का ऐलान सरकार करें. परिजनों का कहना है कि बच्चों के पिता भी हैंडीकैप है, और एक हाथ कटा हुआ है, इसलिए सरकार को उनकी तरफ तवज्जो देनी चाहिए.
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