
Forest workers taking care of panther: जब जन्म के बाद शावक मादा पैंथर से बिछड़ गया तो उसकी वनकर्मी ही उसकी देखभाल करने लगे. यह मामला है सागवाड़ा (डूंगरपुर) का, जहां वनक्षेत्र में वनकर्मियों ने डेढ़ महीने पहले मां से बिछड़े पैंथर शावक को नई जिंदगी दी. शावक को बकरी का दूध और कच्चे अंडे दिए जा रहे हैं. उसकी देखभाल वनकर्मी कर रहे हैं. जेठाना गांव के पास जंगल में एक मादा पैंथर ने तीन शावकों को जन्म दिया था. मादा पैंथर दो शावकों को ले गई, लेकिन एक शावक बिछड़ गया. ग्रामीणों ने शावक को देखकर सागवाड़ा वन रेंज को सूचना दी. इसके बाद वनकर्मियों ने शावक को रेस्क्यू कर लिया.
शावक को दे रहे बकरी का दूध और कच्चा अंडा
रेंजर तेजसिंह चौहान ने बताया कि शावक को रोज बकरी का दूध और कच्चा अंडा दिया जा रहा है. साथ ही जो आवश्यक दवाएं हैं, वह भी दी जा रही हैं. शावक की देखभाल पर रोज 150 रुपए खर्च हो रहे हैं. वनकर्मी उसकी पूरी देखभाल कर रहे हैं.
जंगल में छोड़ने की तैयारी
तेजसिंह ने बताया कि शावक को कई बार जंगल में छोड़ने की कोशिश की गई. मादा पैंथर और उसके 2 शावकों को ट्रैक करने का भी प्रयास किया गया, लेकिन सफलता नहीं मिली. मादा पैंथर ने शावक को स्वीकार नहीं किया. वन विभाग अब शावक को फिर से जेठाना जंगल में छोड़ने की योजना बना रहा है. अगर मादा पैंथर उसे स्वीकार नहीं करती है तो शावक को आगे की देखभाल के लिए उदयपुर भेजा जाएगा. वनकर्मी शावक की सुरक्षा के लिए लगातार निगरानी कर रहे हैं.
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