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डूंगरपुर लॉ कॉलेज में एडमिशन प्रक्रिया शुरू, लेकिन सवाल यह कि पढ़ाएगा कौन?

डूंगरपुर लॉ कॉलेज में सेकंड ईयर एडमिशन के लिए मंजूरी मिलने के बाद 60 सीटों पर एडमिशन प्रक्रिया शुरू हो गई है. 2 दिसंबर तक आवेदन जमा किए जा सकते हैं.

डूंगरपुर लॉ कॉलेज में एडमिशन प्रक्रिया शुरू, लेकिन सवाल यह कि पढ़ाएगा कौन?
फाइल फोटो

Dungarpur Law College: कानून की पढ़ाई करने में रुचि रखने वाले स्टूडेंट्स के लिए अच्छी खबर है. डूंगरपुर लॉ कॉलेज में सेकंड ईयर एडमिशन के लिए मंजूरी मिल गई है. एडमिशन को लेकर कॉलेज प्रशासन की ओर से प्रॉसेज शुरू कर दी है. LLB के लिए 2 दिसंबर तक आवेदन जमा करवा सकेंगे. वही फीस जमा करवाने के बाद 5 दिसंबर तक फाइनल लिस्ट जारी कर दी जाएगी. आदिवासी बाहुल डूंगरपुर जिले में अब लॉ कॉलेज के माध्यम से युवाओं को उनके अधिकार और कानूनी लाभ के बारे में अध्ययन कराया जाएगा.

राज्य सरकार की ओर से डूंगरपुर में विधि महाविद्यालय के सेकंड ईयर की मंजूरी दे दी है. इससे इस क्षेत्र के युवाओं को अध्ययन के लिए अब बड़े शहरों में नहीं जाना पड़ेगा. उन्हें यहां पर 4 साल तक LLB की शिक्षा मिलेगी. हालांकि अभी भी रिक्त पद की समस्या बनी हुई है.

60 सीटों पर एडमिशन प्रक्रिया शुरू

बार काउंसिल की ओर से डूंगरपुर विधि महाविद्यालय में सेकंड ईयर एडमिशन के लिए मंजूरी मिल गई है. एसबीपी कॉलेज डूंगरपुर के प्राचार्य और लॉ कॉलेज के प्रभारी डॉ गणेश निनामा ने बताया कि लॉ कॉलेज में सेकंड सेशन के 60 सीटों पर एडमिशन प्रक्रिया शुरू कर दी है. स्टूडेंट कॉमन प्रवेश फॉर्म ओर दस्तावेजों के साथ 2 दिसम्बर तक आवेदन को कॉलेज में जमा करवा सकते है.

अगले ही दिन 3 दिसंबर को अंतरिम प्रवेश सूची और वेटिंग लिस्ट जारी कर दिया जाएगा. इसके बाद 4 दिसम्बर को फीस जमा करवा सकेंगे. 5 दिसम्बर को सुबह 11 बजे तक एडमिशन की फाइनल लिस्ट जारी कर दी जाएगी. लॉ कॉलेज में एडमिशन से जिले के कई स्टूडेंट्स को फायदा मिलेगा. 

पढ़ाएगा कौन यह अभी तक नहीं हुआ तय 

लॉ कॉलेज खुलने के साथ ही लेक्चरर की कमी सबसे बड़ी परेशानी है. डूंगरपुर लॉ कॉलेज में 8 पदों की स्वीकृति है. लेकिन डेपुटेशन पर एक लेक्चरर को लगाकर ही काम चलाया जा रहा है, जबकि 7 पर खाली पड़े है. खाली पदों की वजह से लॉ की पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट को भी परेशानी हो रही है.

वहीं कोर्स पूरा न होने से उनके रिजल्ट पर भी असर पड़ सकता है. ज्यादातर बच्चों को शिक्षा को लेकर चिंता सताने लगी है. उन्हें एडमिशन तो मिल जाएगा लेकिन वहां पर कोई पढ़ाने वाला नहीं है. इसकी वजह से उन्हें खुद ही पढ़ना पड़ेगा.

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