Mahashivratri 2024: शुक्रवार 8 मार्च को पूरे देश में महाशिवरात्रि की धूम देखी गई. लेकिन इस उत्साह के बीच एक दर्दनाक हादसे में नाना-नवासी की मौत से एक साथ दो परिवारों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा. मामला राजस्थान के उदयपुर जिले का है. जहां महाशिवरात्रि के पूजा के लिए सामान लेने जा रहे बाइक सवार पर 11000 वोल्ट की बिजली तार गिर गई. इस हादसे में बाइक सवार नाना-नवासी की मौके पर ही मौत हो गई. जबकि बाइक पर सवार एक अन्य भी करंट की चपेट में आने से झुलस गई.
इस मामले में मृतक के पुत्र ने बिजली विभाग की घोर लापरवाही से हादसा होना बताया है. वहीं बिजली विभाग के अधिकारियों पल्ला झाड़ते दिखाई दिए. अधिकारियों का कहना था कि छोटी गिलहरी के कारण इंसुलेटर में ब्लास्ट होने से तार टूट गया. ये हादसा उदयपुर के झल्लारा में शुक्रवार सुबह हुआ.
महाशिवरात्रि पर मृतक के घर थी पूजा
महाशिवरात्रि पर ढीकाढोला के रहने वाले किसान मोतीलाल मीणा (61) अपनी बहन मावली बाई (60) और 14 साल की दोहिती धूलेश्वरी के साथ बाइक पर पूजा का सामान लेने जा रहे थे. मोतीलाल के घर में आज पूजा रखी गई थी. तीनों बाइक पर डांगीखेड़ा गांव की मुख्य सड़क से बाईक पर जा रहे थे. अचानक उन पर 11000 वोल्ट की बिजली लाइन गिर गई, जिसकी चपेट में तीनों आ गए. नाना-दोहिती की मौके पर ही मौत हो गई. वहीं नाना की बहन करंट का झटका लगने पर बाइक से उछलकर दूर जाकर गिरी. यह हादसा किसान के घर से करीब 3 किमी दूरी पर हुआ.
ननिहाल में रहती थी बच्ची
हादसे के बाद ग्रामीणों ने विधुत विभाग को जानकारी देकर बिजली सप्लाई बंद करवाई. झल्लारा थाना पुलिस मौके पर पहुंची और महिला व शवों को सलूम्बर सरकारी हॉस्पिटल लेकर गए. हादसे की जानकारी पर घर में कोहराम मच गया. दोहिती अपने ननिहाल में रहकर ही पढ़ रही थी और आठवीं क्लास में थी.
बेटा बोला- बिजली विभाग की लापरवाही से हुई मौत
किसान के बेटे दीपेश मीणा ने पिता और भांजी की मौत का जिम्मेदार बिजली विभाग को बताया है. उसने कहा कि बिजली लाइन का समय पर मेंटेनेंस नहीं होने की वजह से हादसा हुआ. ग्रामीण कई बार विभाग को इसकी शिकायत कर चुके हैं लेकिन अफसरों ने सुनवाई नहीं की. बेटे ने झल्लारा थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई है. हादसे में बाद ग्रामीणों में बिजली विभाग के प्रति भारी आक्रोश है.
विभाग बोला-गिलहरी की वजह से हुआ हादसा
बिजली विभाग के अधिकारी अपना पल्ला झाड़ते दिखे. सलूम्बर के अधीक्षण अभियंता रामरतन खटीक से हादसे के बारे में बात की. उन्होंने बताया कि पोल पर लगे इंसुलेटर और तार के बीच एक गिलहरी आ गई थी. जिससे इंसुलेटर में ब्लास्ट हुआ और तार टूट गया. हाई रिस्क प्वाइंट पर तार की
कवरिंग और गार्डनिंग नहीं होने के सवाल पर वे बोले- कवरिंग और गार्डनिंग स्टेट व नेशनल हाईवे पर की जाती है. ये पगडंडी वाली रोड थी.
बिजली विभाग की लापरवाही आई सामने
- तकनीकी जानकारों का कहना है कि अगर इंसुलेटर टाइट और कसा हुआ होता तो हादसा नहीं होता.
- बिजली विभाग ने जिन ठेकेदार को मेंटेनेंस का जिम्मा दिया हुआ है. उनके ओर से नियमित रूप से तार और पोल का मेंटेनेंस नहीं किया जाता.
- विभाग के आदेश के बावजूद हाई तार के हाई रिस्क प्वाइंट पर कवरिंग ओर गार्डनिंग होनी चाहिए थी, जिससे तार टूटे तो नीचे जमीन पर नहीं गिर पाए. इसकी पालना नहीं की गई.
यह भी पढ़ें - पत्नी और ससुराल वालों के टॉर्चर से तंग आकर युवक ने की खुदकुशी, सुसाइड लेटर में लगाए कई आरोप