विज्ञापन
Story ProgressBack
This Article is From Sep 23, 2023

राजस्थान में तीन बड़े बांधों के पानी से बनेगी बिजली, दूर होगा संकट

RREC ने बीसलपुर, माही बजाज सागर, राणा प्रताप सागर जैसे बांधों के पानी से बिजली बनाने के लिए पंप स्टोरेज हाइड्रोपावर (PSH) को लेकर स्टडी और सर्वे शुरू कर दिए हैं.

Read Time: 4 min
राजस्थान में तीन बड़े बांधों के पानी से बनेगी बिजली, दूर होगा संकट

राजस्थान में कई बड़े बांध हैं, जहां साल भर पानी भरा रहता है लेकिन उसका किसी भी तरह का उपयोग नहीं होने से वह भाप बनकर उड़ जाता है. यदि सब कुछ ठीक रहा तो वह दिन दूर नहीं जब प्रदेश में सूरज और हवा के अलावा अब पूरे साल पानी से भी बिजली बनाई जा सकेगी. जल संसाधन विभाग ने कार्ययोजना पर काम करना शुरू कर दिया है. बड़े बांधों के पास ऊंचाई पर बड़े-बड़े स्टोरेज टैंक बनाए जाएंगे. दिन में जब बिजली सस्ती होती है तब पानी को पंप से बांध के ऊपर बने वाटर स्टोरेज में स्टोर कर लिया जाएगा. 

रात को जब बिजली की दरें दिन के मुकाबले 3 से 4 गुना ज्यादा होती है तब पानी को टरबाइन से गुजारकर वापस डैम में छोड़ दिया जाएगा. इस तकनीक से बिजली बनाने पर राजस्थान देश के चुनिंदा राज्यों में शामिल हो जाएगा.

फिलहाल दक्षिण के कुछ राज्यों में इस PSH (Pumped Storage Hydropower) टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जा रहा है. सोलर क्रांति के लिए करीब 100 कंपनियां बाड़मेर, जोधपुर, बीकानेर, जैसलमेर, जालोर में सोलर प्लांट लगाने के लिए जमीन तलाश रही हैं. वैसे ही डैम एरिया में भी कंपनियां हाइड्रोलिक प्लांट लगाने के लिए आएंगी.

अभी राजस्थान में राणा प्रताप सागर डैम और माही बजाज सागर डैम पर हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट्स हैं, लेकिन मानसून में जब डेम ओवरफ्लो हो जाते हैं, तब ही इनसे बिजली बनाई जाती है. इस वजह से अभी नाम मात्र की 24 मेगावाट हाइड्रो एनर्जी जनरेट हो रही है.

राजस्थान सालभर से कोयला संकट से जूझ रहा है. ऐसे में राजस्थान रिनुएबल एनर्जी कॉर्पोरेशन (RREC) ने दिन के अलावा रात के समय भी बिजली बनाने के उपाय पर काम करना शुरू किया.

RREC ने बीसलपुर, माही बजाज सागर, राणा प्रताप सागर जैसे बांधों के पानी से बिजली बनाने के लिए पंप स्टोरेज हाइड्रोपावर (PSH) को लेकर स्टडी और सर्वे शुरू कर दिए हैं.

जल संसाधन मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीया के अनुसार आने वाला समय PSH तकनीक के प्लांट्स और बैटरी स्टोरेज का होगा. पावर स्टोरेज का कॉन्सेप्ट है कि जब सोलर या विंड या हाइड्रो (पानी) से उत्पादन नहीं हो, तो उस समय भी बिजली बनाई जा सके.

राजस्थान भी PSH की दिशा में आगे बढ़ रहा है, लेकिन जब तक प्लांट स्थापित नहीं हो जाता, तब तक यह कहना मुश्किल है कि राजस्थान ही ऐसा प्लांट लगाने वाला पहला राज्य होगा.

राजस्थान में अब ऐसी संभावनाएं खोजी जा रही है, जहां बांधों में 12 महीने पानी रहता है, लेकिन बिजली नहीं बन पाती. राज्य सरकार का मानना है कि पंप स्टोरेज हाइड्रोपावर (PSH) एक ऐसा उपाय है, जो राजस्थान में संभव है. आंध्र प्रदेश, कर्नाटक व महाराष्ट्र में इस उपाय पर काम शुरू हो चुका है, जो सफल है. इन दोनों राज्यों में स्थित चार-पांच बांधों पर PSH तकनीक से बिजली बनाई जा रही है.

यह भी पढ़ें - 

Rajasthan.NDTV.in पर राजस्थान की ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें. देश और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं. इसके अलावा, मनोरंजन की दुनिया हो, या क्रिकेट का खुमार, लाइफ़स्टाइल टिप्स हों, या अनोखी-अनूठी ऑफ़बीट ख़बरें, सब मिलेगा यहां-ढेरों फोटो स्टोरी और वीडियो के साथ.

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Our Offerings: NDTV
  • मध्य प्रदेश
  • राजस्थान
  • इंडिया
  • मराठी
  • 24X7
Choose Your Destination
Close