जयपुर के आमेर महल में नवरात्रि की तैयारियां शुरू हो गयी हैं. लोगों को परेशानी न हो, इसके लिए आमेर महल प्रशासन सजग है. शारदीय नवरात्र में बढ़ते हुए भीड़ को देखते हुए हाथी की सवारी बंद करने का निर्णय लिया गया है. पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग ने यह आदेश जारी किए हैं.
हाथी की सवारी बंद होने के साथ-साथ रात्रिकालीन पर्यटन भी बंद कर दिया गया है. हाथियों की सवारी 14 अक्टूबर से 24 अक्टूबर तक बंद रहेगी. वहीं इस दौरान महल सुबह 8 से शाम 05:30 तक पर्यटकों के लिए खुला रहेगा. आमेर महल में पर्यटकों के प्रवेश के लिए टिकट बुकिंग व्यवस्था सिंहपोल गेट पर की गई है. महल के त्रिपोलिया गेट से पर्यटकों की निकासी की व्यवस्था की गयी है. यह व्यवस्था नवरात्रि को ध्यान में रख कर की गई है.
महावतों की कमाई पर असर
आमेर से सटे हाथी गांव के दर्जनों महावतों की रोजी-रोटी पर्यटन से ही चलती है. पिछले 9 साल से हाथी की सवारी की कीमत 1100 रुपये तय थी, लेकिन पिछले दिनों इसे बढ़ाकर 3500 रुपये किया गया था. इसको लेकर महावतों ने काफी खुशी जताई थी. लेकिन अब नवरात्रि में हाथी की सवारी बंद होने से उनकी कमाई पर असर पड़ेगा.
ऐतिहासिक शिला माता मंदिर
आमेर महल में स्थित शिला माता मंदिर एक ऐतिहासिक मंदिर है. इस मंदिर की प्रतिमा को राजा मानसिंह युद्ध में जीत कर लाये थे. पुरातत्व विभाग के मुताबिक इस प्रतिमा को बंगाल से लाया गया था. मंदिर का मुख्य द्वार चांदी का बना हुआ है. इस पर नवदुर्गा शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि एवं सिद्धिदात्री के चित्र तराशे हुए हैं. पहले सिर्फ राजपरिवार के सदस्य और प्रमुख सामंत-जागीरदार ही शिला माता के दर्शन कर पाते थे. लेकिन अब रोजाना सैकड़ों श्रद्धालु मंदिर आते हैं.
नवरात्रि में भक्तों की भीड़ रहने की उम्मीद
नवरात्रि के दौरान आमेर महल में भक्तों की भीड़ रहने की उम्मीद है. ऐसे में प्रशासन ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए विशेष व्यवस्थाएं की हैं. महल के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई है और CCTV कैमरों से नजर रखी जा रही है. साथ ही, श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए शौचालय, पानी और चिकित्सा की भी व्यवस्था की गई है.