Fake marksheet scam: आज के समय में लोगों में सरकारी नौकरी को लेकर इतना जूनून है कि वह इसे पाने के लिये किसी भी हद तक चले जाते हैं. यह कड़ी मेहनत और हौसला तब तारीफ के काबिल होता जब मेहनत सही दिशा और सही नियत से की जाए लेकिन जब उसमें चालाकी और गलत इरादें शामिल हो जाते है तो वहीं जूनून और इच्छा शक्ति आपको कटघरे में भी खड़ा कर सकती है. इसका एक ताजा उदाहरण राजस्थान के अलवर जिले से सामने आया है. जहां 5 अभर्थियों ने डाक सेवक की नौकरी के लिए फर्जी मार्कशीट का उपयोग किया था. अब उनके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है.
दरअसल अलवर से डाक सेवक की नौकरी में फर्जीवाड़ा सामने आया है. अलवर के 5 अभ्यर्थियों ने नौकरी के लिए दसवीं की फर्जी मार्कशीट को लगाया है. जांच में फर्जीवाड़ा सामना आने के बाद पांचों की नियुक्ति पर रोक लगा दी गई है. साथ ही पांचों के खिलाफ अलवर शहर के अरावली विहार थाना में फर्जी मार्कशीट से नौकरी पाने का मामला दर्ज करवाया है. पांचों अभ्यर्थियों ने तमिलानाडू से दसवीं पास करने की फर्जी मार्कशीट को लगाया था.
5 अभ्यर्थियों के खिलाफ हुई रिपोर्ट दर्ज
डाक विभाग के प्रवर अधीक्षक झब्बार ने बताया कि एक अभ्यर्थी हितेश पुत्र हरिनारायण यादव निवासी वार्ड नंबर 3 होली टीबा के पास तिजारा, शैलेंद्र कुमार पुत्र सत्यनारायण निवासी मुंडिया खेड़ा मुंडावर, पिंटू कुमार पुत्र कैलाश चंद मीणा निवासी नेथला निठारी मालाखेड़ा, साहिल पुत्र अशोक कुमार कठुवास रेवाड़ी और मनीषा नैना पुत्री राजू निवासी ऊंचा माजरा पाटौदी गुड़गांव की नियुक्ति पर रोक लगाई गई है.
डॉक्यूमेंट वैरिफिकेशन के समय पकड़ में आया फर्जीवाड़ा
सभी ने बोर्ड ऑफ सेकंडरी एक्जामिनेशन तमिलानाडू से दसवीं करने की मार्कशीट को अपने डॉक्यूमेंट वैरिफिकेशन के समय लगाया था. जो जांच में फर्जी मिली है. वहीं झब्बार ने बताया कि भर्ती में पास होने वाले अभ्यर्थियों के दस्तावेज जांच के लिए संबंधित बोर्ड को भेजे जाते हैं. वहां से दस्तावेज वैरीफाई होते हैं, तब नियुक्ति दी जाती है.
तमिलनाडू बोर्ड ने साफ मना किया
इन पांचों अभ्यर्थियों के पास बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन तमिलनाडू से 10वीं पास की मार्कशीट थी. जिसका विभाग के जरिए 16 जनवरी को वैरीफिकेशन कराया गया था. जिस पर तमिलनाडू बोर्ड ने साफ मना कर दिया कि ये मार्कशीट उनकी नहीं है. इसके बाद ग्रामीण डाक सेवक के पद पर भर्ती हुए पांचों अभ्यर्थियों की नियुक्ति रोक लगा दी गई. झब्बार ने बताया कि अलवर में 2022-23 में 35 डाक सेवक भर्ती हुए हैं. जिनमें से अधिकतर की ज्वाइनिंग हो चुकी है. इन पांच के दस्तावेज फर्जी मिले हैं. इसलिए ज्वाइनिंग को रोका गया है.
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