राजस्थाने में नई सरकार का गठन हो गया है. प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में भजन लाल शर्मा ने शपथ ले ली है. प्रदेश में अब जगह-जगह विकास के मुद्दों को लेकर आवाजें भी उठने लगी हैं. दौसा जिले के सिकराय में विधानसभा में पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (Eastern Rajasthan Canal Project- ERCP) का मुद्दा फिर से उठा है. दौसा जिले सहित 13 जिलों में पूर्वी राजस्थान की पेयजलापूर्ति की प्रमुख योजना ERCP को लेकर सिकराय क्षेत्रवासी अब लामबंद होने लगें हैं.
शनिवार को भारतीय किसान संघ ने उप खंड कार्यालय पर पहुंच कर धरना प्रदर्शन किया. किसान संघ के बैनर तले पदाधिकारी अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ हुए हैं. संघ के तहसील अध्यक्ष रामकिशन मीना ने बताया कि क्षेत्र में पेयजल का गहरा संकट बना हुआ है.
काम शुरू होने तक जारी रहेगा प्रदर्शन
उन्होंने कहा इस संकट की दवा ERCP परियोजना है, सरकार इसे जल्द ही राष्ट्रीय परियोजना घोषित कर काम शुरू करवाए. जिससे पलायन कर रहे लोगों को रोका जा सके और किसानों सहित आमजन को पेयजल मिले सके. उन्होंने कहा कि जब तक काम शुरू नहीं होगा तब तक धरना प्रदर्शन अनवरत जारी रहेगा.
किसान संघ के सिकराय अध्यक्ष रामकिशन मीणा का कहना है कि करीब 30 वर्षों से कुएं में पानी सूख गया है, बांधों में पानी सूख गया. क्षेत्र का किसान धीरे-धीरे पलायन कर रहा है, बाहर जा रहा है, मजदूरी करके खा रहा है. उन्होंने कहा कि किसानों के जीवन यापन करने के लिए खेती-बाड़ी सूख गई है. पिछले 30 सालों से बारिश कम हुई है जिससे क्षेत्र को नुकसान पहुंचा है.
डबल इंजन सरकार से बढ़ी हैं उम्मीदें
किसान प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार से गुहार लगा रहे हैं कि इस योजना के लिए पास किये गए बजट का इस्तेमाल कर योजना को शीघ्र ही पूरा किया जाय. जिससे 13 जिलों में बांधों में पानी पहुंचे तभी यहां का किसान गांव में रह सकेगा नहीं तो उन्हें मजबूरी में पलायन करना पड़ेगा. बता दें विधानसा चुनाव के दौरान बीजेपी ने ईआरसीपी को भी मुद्दा बनाया था.
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