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This Article is From Feb 18, 2024

Farmers Protest: दिल्ली सीमा पर जारी किसान आंदोलन की आंच पहुंची राजस्थान, जयपुर में महाजुटान, फिर कूच की तैयारी

Farmers Protest: न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) सहित अन्य मांगों पर दिल्ली की सीमा पर किसानों का आंदोलन जारी है. इस बीच अब इस आंदोलन की आंच राजस्थान की राजधानी जयपुर तक पहुंच गई है. जयपुर में किसानों का महाजुटान बुलाया गया है. जहां से दिल्ली कूच की तैयारी है.

Farmers Protest: दिल्ली सीमा पर जारी किसान आंदोलन की आंच पहुंची राजस्थान, जयपुर में महाजुटान, फिर कूच की तैयारी
दिल्ली सीमा पर आंदोलनरत किसान.

Farmers Protest: न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) सहित अन्य मांगों पर किसानों का आंदोलन पिछले 5 दिनों से जारी है. आज किसानों के आंदोलन का छठा दिन है. दिल्ली कूच के लिए निकले किसान पंजाब-हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर डटे हुए हैं. केंद्र सरकार और किसानों के बीच आज शाम चंडीगढ़ में चौथी वार्ता होनी है. इससे पहले 3 मीटिंग (8, 12 और 15 फरवरी) बेनतीजा रहीं थी. इस मीटिंग में कोई फैसला न हुआ तो किसानों ने दिल्ली कूच करने का ऐलान किया है. इस बीच दिल्ली की सीमा पर जारी किसान आंदोलन की आंच अब जयपुर तक पहुंच चुकी है. 

किसान संगठनों ने किसानों से 21 फरवरी को ट्रैक्टर से जयपुर पहुंचने की अपील की है. साथ ही किसानों ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से भी इस आंदोलन में शामिल होने की और दिल्ली मार्च के नेतृत्व का आग्रह किया है. किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर अपनी मांगे बताई है. 

एमएसपी पर खरीद की गारंटी वाला कानून बने

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम भेजे पत्र में रामपाल जाट ने लिखा है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की गारंटी का कानून बनाने के लिए भारत सरकार के अनेकों आयोग एवं समितियों द्वारा अनुशंसा की हुई है. जिसमें डॉक्टर एम. एस. स्वामीनाथन की अध्यक्षता वाला राष्ट्रीय किसान आयोग 2004 भी सम्मिलित है. इसी के साथ भारत सरकार की संस्था कृषि लागत एवं मूल्य आयोग ने भी वर्ष 2016 एवं 2017 में न्यूनतम समर्थन मूल्य की सार्थकता के लिए इस प्रकार के कानून बनाने की तीन बार अनुशंसा की हुई है.

2020 में सहमति तो बनी लेकिन कानून नहीं बना

5 जून 2020 को तीन कानून लाने के उपरांत 17 सितंबर 2020 को कृषि भवन नई दिल्ली में तत्कालीन कृषि मंत्री के बुलावे पर 2 घंटे से अधिक समय तक वार्ता हुई. इसमें भी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की गारंटी का कानून बनाने का विषय ही प्रमुख था. इस दौरान भी गठित समिति ने इस प्रकार के कानून बनाने के लिए आरक्षित मूल्य के निष्कर्ष पर पहुंच गई. तब भी सरकार द्वारा इस प्रकार का कानून अभी तक नहीं बनाया गया, जिससे देश भर के किसानों में आक्रोश है. 

वहीं आंदोलन के रूप में सड़कों पर आ रहा है. देश के सर्वसाधारण किसानों के साथ उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश, विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति, भारतीय प्रशासनिक सेवा एवं भारतीय पुलिस सेवा के वरिष्ठ अधिकारियों जैसे समाज के बुद्धिजीवी वर्ग भी इसके समर्थन में है. इसलिए सरकार को यह बात माननी चाहिए.

21 जनवरी को 500 ट्रैक्टर से जयपुर पहुंचेंगे किसान

इन्हीं मांगों को लेकर किसान महापंचायत ने बूंदी में हुई अपनी बैठक में निर्णय लिया है कि 21 जनवरी को किसान 500 ट्रैक्टर के साथ जयपुर पहुंचेंगे. और यहां से दिल्ली के लिए कूच करेंगे. अब देखना है कि 21 जनवरी को जब जयपुर में किसानों का हुजूम जुटेगा तो उस दिन क्या व्यवस्था बनेगी. क्या दिल्ली की तरह जयपुर की सीमाओं को भी पुलिस बैरिकेडिंग के जरिए सील किया जाएगा. 

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