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जैसलमेर में विभिन्न मांगों को लेकर किसानों का धरना, मांग न पूरी होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी

किसानों का कहना है कि अतिवृष्टि के चलते 70 प्रतिशत नहरे क्षतिग्रस्त हुई है, जिनकी मरम्मत अब तक नही की गई. 5 सितम्बर तक नहरों की सफाई भी शुरु हो जाती है, लेकिन अब तक सर्वे ही नहीं हुआ.

जैसलमेर में विभिन्न मांगों को लेकर किसानों का धरना, मांग न पूरी होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी
जैसलमेर में विभिन्न मांगों को लेकर किसानों का धरना

Rajasthan News: पश्चिमी राजस्थान के लिए वरदान कही जाने वाली इंदिरा गांधी नहर परियोजना का अंतिम छोर जैसलमेर है. जैसलमेर जोन के नहरी किसान प्रतिनिधियों ने आज जैसलमेर आईजीएनपी चीफ ऑफिस में अपनी मांगो कों लेकर धरना दिया और जमकर नारे बाजी करते हुए अपने हक के पानी की मांग की. इस दौरान किसानों ने अपनी विभिन्न मांगो कों लेकर विभाग के अधिकारियोंं कों ज्ञापन भी सौंपा.

कई अधिकारियों के पद खाली 

किसानों ने बताया कि अतिवृष्टि के चलते 70 प्रतिशत नहरे क्षतिग्रस्त हुई है, जिनकी मरम्मत अब तक नही की गई. इतना ही नहीं हर वर्ष 15-25 अगस्त तक नहरों की सफाई का टेंडर हो जाता है और 5 सितम्बर तक सफाई भी शुरु हो जाती है, लेकिन अब तक सर्वे ही नहीं हुआ. कई अधिकारियों व कर्मचारियों के पद खाली पड़े हैं. अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे अधिकारी जैसलमेर की सुध नहीं ले रहे हैं. 

किसान नेता सभान खान का कहना है कि जैसलमेर इंदिरा गांधी नहर परियोजन का अंतिम जोन है, हर साल हमारी अनदेखी होती है. आज किसान प्रतिनिधिओं ने विभिन्न मांगो कों लेकर ज्ञापन सौंपा है. हमारी पहली मुख्य मांग है कि रिक्त पदो कों भरा जाए व अतिरिक्त प्रभार वाले अधिकारियों को जैसलमेर ऑफिस में बैठने के लिए पाबंद किया जाए. इस साल अतिवृष्टि के चलते कई नहरे, वितरिकाएं व माइनर क्षतिग्रस्त हो गए हैं. एक माह से ऊपर का वक्त बीत जाने के बाद भी उनकी मरम्मत नहीं करवाई गई. जिससे किसानों के लिए मुसीबत खड़ी हो गई.

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नहरों की अब तक नहीं हुई सफाई

खरीफ की फ़सल की बुआई करनी है, लेकिन अब तक नहरों की सफाई नहीं हुई है, अब तक सर्वें करवाकर निविदा निकालकर टेंडर व वर्क ऑर्डर हो जाने चाहिए थे. हर वर्ष 15 से 25 अगस्त के बीच तमाम कार्यवाही कर 15 सितम्बर तक सफाई हो जानी चाहिए, लेकिन इस साल अब तक केवल सर्वे हुआ है. किसानों की परेशानी लेकर आज हम यहां आएं हैं. हमें लिखित आश्वासन दिया गया है कि जल्द समाधान होंगे. अगर ऐसा नहीं हुआ तो अब उग्र आंदोलन की राह पकड़ेंगे.

नहरी किसानों के धरने के बीच आईजीएनपी के SC राम खिलाडी मीना पहुँचे और किसानों की वेदनाओ को सुना, जिसके बाद किसानों की जायज मांगों पर अधिकारियों कों सूचित करने की बात कही. किसानों की मांगों को लेकर लिखित आश्वासन दिया. IGNP के SC रामखिलाड़ी मीणा ने बताया कि इन दिनों नहरी क्षेत्र में हुई बारिश के चलते नहरों, वितरिकाओं व माइनर के कुछ ही हिस्सों में पटरे व लाइनें क्षतिग्रस्त हुई हैं. किसानों ने उसे दुरुस्त करवाने की मांग की है. इस कार्य के लिए हम विभागीय मशीनरी लगाकर क्षतिग्रस्त पटरों को तैयार करवा रहे हैं. बारी का पानी उन तक पहुँच पाए और उनका नुकसान न हो.

साथ ही जो लाइनें क्षतिग्रस्त तो यह उन्हें टेंडर प्रक्रिया के माध्यम से तैयार करवाया जाएगा. जिसके लिए विभाग से 80 लाख रुपए का बजट इमरजेंसी फंड स्वीकृत है, जल्द टेंडर किए जाएंगे. वहीं नहर की सफाई का सर्वें करवाकर तकमीने बना लिए है, शीघ्र ही निविदा निकालकर सफाई कार्य करवाया जाएगा. किसानो कों जल्द से जल्द राहत पहुंचाने के प्रयास विभाग कर रहा है.

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