चूरू में आज कांग्रेस सांसद राहुल कस्वां के नेतृत्व में होने वाला ‘किसान एकता ट्रैक्टर मार्च' सुर्खियों में है. चूरू के सादुलपुर से शुरू होकर जयपुर तक जाने वाली यह यात्रा फसल बीमा क्लेम सहित किसानों की कई समस्याओं को लेकर निकाली जा रही है. प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है. सादुलपुर में भारी संख्या में पुलिस जाब्ता तैनात किया गया है. STF और RAC को हनुमानगढ़, बीकानेर और श्रीगंगानगर जिलों से पुलिस बल बुलाया गया है.
किसानों की बड़ी भागीदारी की संभावना
सांसद कस्वां के आह्वान पर चूरू संसदीय क्षेत्र के सभी विधायक, पूर्व विधायक और इंडिया गठबंधन के नेता ट्रैक्टर यात्रा की तैयारियों में जुटे हुए हैं. हजारों किसानों के अपने-अपने ट्रैक्टरों के साथ इस यात्रा में शामिल होने की संभावना बताई जा रही है.
MP राहुल कस्वां का शक्ति प्रदर्शन
विशेष रूप से यह यात्रा पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ के क्षेत्र सादुलपुर से शुरू हो रही है, जिसे कस्वां का शक्ति प्रदर्शन भी माना जा रहा है. अब देखना यह है कि कस्वां इस यात्रा में कितनी भीड़ जुटा पाते हैं, और यह आंदोलन कितना प्रभाव दिखा पाता है.

चूरू में जगह-जगह पुलिस फोर्स तैनात है.
कस्वां बोले- किसान हो रहा परेशान
सरदारशहर में आयोजित प्रेसवार्ता में रविवार को सांसद राहुल कस्वां ने कहा था कि किसान आज हर स्तर पर परेशान है. उन्होंने खरीफ 2021 के 500 करोड़ के बीमा क्लेम को निरस्त किए जाने को किसानों के साथ बड़ा अन्याय बताया. उन्होंने कहा कि कई सीजन के फसल बीमा क्लेम अभी तक बकाया पड़े हैं, जबकि किसान खाद-बीज, यूरिया और MSP पर फसल बेचने के लिए घंटों कतारों में खड़ा है. कस्वां ने कहा कि किसानों का यह ट्रैक्टर मार्च सरकार को किसानों की पीड़ा से अवगत कराने का माध्यम है.
प्रशासन सतर्क, सुरक्षा के कड़े इंतजाम
ट्रैक्टर मार्च के मद्देनज़र जिले में जगह-जगह नाकेबंदी की गई है. सादुलपुर में बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी, अधिकारी और विशेष बलों की तैनाती की गई है, जिससे यात्रा के दौरान किसी भी प्रकार की अव्यवस्था ना होने पाए.
किसानों की प्रमुख मांगें
- खरीफ 2021 का 500 करोड़ रुपये का बीमा क्लेम तुरंत जारी किया जाए.
- विभिन्न फसलों के सभी लंबित बीमा क्लेम का भुगतान.
- बीमा पोर्टल की त्रुटियाँ दूर कर प्रक्रिया पारदर्शी बनाना.
- समयबद्ध और निष्पक्ष फसल बीमा प्रणाली लागू करना.
- डीएपी-यूरिया की किल्लत खत्म कर कालाबाजारी रोकना.
- पात्र किसानों के टोकन की जांच.
- समर्थन मूल्य पर फसलों की सुनिश्चित खरीद.
- मूंग व चना को पीएम धन-धान्य योजना में शामिल करना.
- कृषि एवं घरेलू बिजली लाइनों को अलग करना.
- लंबित कृषि कनेक्शन जारी करना.
- झींगा पालन को बढ़ावा.
- यमुना लिंक समझौता लागू करना.
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