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बूंदी में बारिश से बाढ़ जैसे हालात, मजबूर लोग क्यों कह रहे 'खाने के पैकेट नहीं चाहिए... अतिक्रमण हटा लो'

बूंदी जिले में बारिश से नदी और नाले उफान पर हैं. वहीं नदियों के जल स्तर बढ़ने से इसका पानी लोगों के घरों में घूस रहा है. हालांकि अधिकारियों का कहना है कि बूंदी में बाढ़ जैसे हालात नहीं.

बूंदी में बारिश से बाढ़ जैसे हालात, मजबूर लोग क्यों कह रहे 'खाने के पैकेट नहीं चाहिए... अतिक्रमण हटा लो'

Bundi Flood: राजस्थान के कई जिलों में इस बार मानसून की बारिश काफी ज्यादा हुई है. जिससे नदी-नाले उफान मार रहे हैं. लगातार बारिश से नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. जिसके बाद यह आम लोगों के खतरा बन रहा है. हालांकि लोगों की परेशानी का कारण केवल मानसून की बारिश ही नहीं. बल्कि सरकार और प्रशासन द्वारा की गई व्यवस्था भी जिम्मेदार है. राजस्थान के बूंदी जिले में बारिश से नदी और नाले उफान पर हैं. वहीं नदियों के जल स्तर बढ़ने से इसका पानी लोगों के घरों में घूस रहा है. सड़कों पर पानी की वजह से शहर में आवाजाही रास्ते बंद हो चुके हैं. हालांकि अधिकारियों का कहना है कि बूंदी में बाढ़ जैसे हालात नहीं बल्कि सड़कें सूखी पड़ी हैं.

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शहर के जैतसागर तालाब और नवल सागर तालाब के सभी गेट खोल दिए गए हैं. अब शहर जलमग्न होने की स्थिति में है. चारों और सड़कों पर पानी का सैलाब नदियों की तरह नजर आ रहा है. सड़कों पर सिर्फ पानी का कब्जा है. इसके चलते लोग काफी परेशान हो रहे हैं. सड़कों पर 2 से 3 फीट पानी देखा जा रहा है तो मकानों में करीब 3 से 4 फीट पानी भर चुका है. कई कॉलोनियों में तो जलमग्न होने की स्थिति भी बन चुकी हैं. 

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बाढ़ के हालात इतने खतरनाक बने हुए हैं कि शहर के जैत सागर से छोड़ा गया पानी अब कॉलोनियों के मकानों में घुस चुका है. पानी की रफ्तार लोगों को बहा ले जा रही है. शहर की महावीर कॉलोनी, जवाहर कॉलोनी, पुलिस लाइन, देवपुरा रोड सहित कॉलोनी ऐसी है जहां पर जैतसागर नाले पर अतिक्रमण के चलते कॉलोनी जलमग्न हो गई. लोगों के घरों में पानी घुस आया है जिसके चलते उन्हें लाखों का नुकसान उठाना पड़ा है.

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बूंदी में बाढ़ जैसे हालात के बाद लोगों को प्रशासन द्वारा खाने के पैकेट दिये जा रहे हैं. लेकिन यहां लोगों का कहना है कि प्रशासन उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दे रहा, बाढ़ जैसे हालात हैं खाने के पैकेट लेकर पहुंच रहा है हमने प्रशासन से मना कर दिया है कि हमें खाने के पैकेट नहीं चाहिए. हमारे नाले से अतिक्रमण हटाने की मांग पूरी कीजिए. 

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जैतसागर झील के गेट खोलने से उफनता है नाला

जवाहर कॉलोनी निवासी राजू ने बताया की शहर की जैतसागर झील हर वर्ष भारी बारिश होने के बाद लबालब हो जाती है. ऐसे में प्रशासन झील के सभी गेट को खोल कर पानी की निकासी करता है. इस वजह से झील के नजदीक करीब 5 किलोमीटर लंबे जैतसागर नाला उफान पर आ जाता है. यह नाला शहर की कई कॉलोनियों से होता हुआ मांगली नदी में जाकर मिलता है. नाले पर अतिक्रमण और साफ सफाई नहीं होने के चलते सड़कों पर नाले का उफान देखने को मिलता है. तूफान के कारण करीब आधा दर्जन रास्ते बंद हो जाते हैं. शहर के बीच इन रास्तों से आवाजाही रुक जाती है और यह हालात 4 से 5 दिन तक बने रहते हैं. नाले के उफान से सड़कों पर लोगों का जनजीवन अस्त व्यस्त हो जाता है.

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हर वर्ष हजारों लोग होते हैं प्रभावित

बारिश होने के कारण जैतसागर नाला उफान पर आते ही हर वर्ष 20 हजार लोग इस नाले पर हो रहे अतिक्रमण के चलते बाढ़ में डूब जाते हैं. नाले पर अतिक्रमण होने के कारण नाले कई जगहों से सकरा हो चुका है. नाला करीब 75 फीट चौड़ा और 10 फिट गहरा था जो अतिक्रमण होते-होते करीब  2 फीट ही रह गया था. इसके कारण नाले का पानी उफान के साथ सड़कों पर आता है. जिसके चलते शहर की जवाहर कॉलोनी, महावीर कॉलोनी, बहादुर सिंह सर्किल, सहित कई कॉलोनियां रास्ते बंद होने के साथ ही घरों में पानी घुस जाता है और यह हालात लगातार बारिश जारी होने के साथ बने रहते हैं. घरों में पानी घुस जाने के चलते लोगों को नुकसान भी उठाना पड़ता है. लोग घरों में रहने को मजबूर हो जाते है. 

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कई सालों से अतिक्रमण हटाने की कर रहे है मांग

लोगों ने जैतसागर नाले के उफान के कारण हो रही परेशानी के चलते प्रशासन पर दिलाई का आरोप लगाया. उन्होंने ने कहा की 3 साल पहले प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए अतिक्रमण मुक्त अभियान समिति बनाकर आंदोलन करना शुरू कर दिया था. कभी जाम तो कभी धरना दिया गया. आंदोलन उग्र हुआ तो नगर परिषद ने जिला कलेक्टर के आदेश पर नाले का सर्वे करवाकर अतिक्रमण चिह्नित करने के निर्देश दिए गए. नगर परिषद की टीम ने 1 सप्ताह के भीतर नाले का सर्वे कर अतिक्रमण को चिन्हित भी किया 3 साल बीत जाने के बाद भी लेकिन अतिक्रमण हट नहीं पाया. लोग घरों में पानी घुसने के बाद छतो पर ही रहते हैं. घरों में बारिश के दौरान खाने-पीने तक की भी व्यवस्था नहीं हो पाती. प्रशासन पता नहीं किसके दबाव में नाले से अतिक्रमण हटा नहीं पा रहा है. 

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बूंदी में अधिकारी ने कहा सड़क पर पानी नहीं है

नाले के कारण आधा दर्जन कॉलोनी में आई बाढ़ को लेकर नगर परिषद आयुक्त अरुणेश शर्मा से इस मामले में बताया कि 4 किलोमीटर का नाला आरयूआईडीपी द्वारा बनाया जा रहा है. जो केवल अभी 10% निर्माण हो पाया है. एक वर्ष में पूरा नाला अतिक्रमण मुक्त करवा दिया जाएगा. जिन जगहों पर अतिक्रमण हो रहा है जैसे-जैसे नाल आगे बढ़ता जाएगा उन जगहों के अतिक्रमण हटा दिए जाएंगे. उन्होंने कहा की जैतसागर नाले में उफान से बाढ़ जैसे हालात नहीं हैं. सड़के सूखी हुई है.

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