
Girija Vyas: कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री गिरिजा व्यास का निधन गुरुवार (1 मई) को अहमदाबाद में हुआ था. वहीं शुक्रवार (2 मई) को राजस्थान के उदयपुर जिले में अंतिम संस्कार किया गया, जहां पार्टी के वरिष्ठ नेता उन्हें अंतिम विदाई देने पहुंचे थे. व्यास का अहमदाबाद के एक अस्पताल में बृहस्पतिवार को निधन हो गया था. वह 79 वर्ष की थीं. पूर्व केन्द्रीय मंत्री की शव यात्रा दैत्य नगर स्थित उनके आवास से रवाना हुई और अशोक नगर श्मशान घाट तक पहुंची. पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूर्व मंत्री रामलाल जाट ने उनकी अर्थी को कंधा दिया.
इस यात्रा में बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता, उनके समर्थक और शहरवासी भी मौजूद थे. कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पत्र लिखकर उनके निधन पर दुख व्यक्त किया. गांधी ने पत्र में लिखा, 'एक महीने तक चले उपचार के बाद गिरिजा व्यास के अचानक निधन से मैं स्तब्ध हूं. उनका निधन कांग्रेस पार्टी और साहित्य जगत के लिए एक क्षति है. सामाजिक, राजनीतिक और शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान को याद किया जाएगा. शोक संतप्त परिवार के प्रति मेरी संवेदनाएं.'
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी दुख जताया. खरगे ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘पूर्व केंद्रीय मंत्री, राजस्थान कांग्रेस की पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और कांग्रेस की वरिष्ठ नेता डॉ. गिरिजा व्यास जी के निधन का समाचार अत्यंत दु:खद है.''
उन्होंने कहा कि बुद्धिजीवी राजनीतिक नेता, प्रखर वक्ता और कुशल प्रशासक रहीं व्यास का देहावसान कांग्रेस परिवार के लिए एक अपूरणीय क्षति है. खरगे ने कहा, ‘‘मात्र 25 वर्ष की उम्र में राजस्थान विधानसभा की सदस्य बनने से लेकर चार दशकों तक उन्होंने अपना जीवन विभिन्न संवैधानिक और संगठनात्मक भूमिकाओं के जरिये कांग्रेस और जनसेवा को समर्पित किया. एक सच्ची गांधीवादी के रूप में उन्होंने अपने कर्तव्यों का निर्वाह करते हुए महिलाओं के सशक्तिकरण की प्रेरक मिसाल प्रस्तुत की.''
उन्होंने कहा, ‘‘इस दुखद घड़ी में मैं उनके परिजनों और शुभचिंतकों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं तथा दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करता हूं.''
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीका राम जूली भी अंतिम संस्कार से पहले बैठक में मौजूद थे.
परिवार के सदस्यों के अनुसार, इस साल 31 मार्च को राजस्थान के उदयपुर शहर में अपने घर पर आरती करते समय वह गंभीर रूप से झुलस गई थीं. इसके बाद व्यास को तुरंत उदयपुर के एक निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें प्राथमिक उपचार दिया गया और बाद में आगे के इलाज के लिए अहमदाबाद रेफर कर दिया गया. उनके भाई गोपाल शर्मा ने बताया कि अहमदाबाद के एक अस्पताल में बृहस्पतिवार शाम को उनका निधन हो गया.
परिवार के सदस्यों के अनुसार, व्यास घर पर आरती कर रही थीं, तभी नीचे जल रहे दीये से उनके दुपट्टे में आग लगने से वह झुलस गईं. इसके बाद परिवार के सदस्य उन्हें अस्पताल ले गए.
वह कांग्रेस की एक प्रमुख नेता थीं. उन्होंने राज्य और केंद्र दोनों सरकारों में मंत्री के रूप में काम किया. उन्होंने प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष और राष्ट्रीय महिला आयोग के अध्यक्ष पद को भी सुशोभित किया.