Nawalgarh Unique Story: कुछ वादे समय के साथ फीके पड़ जाते हैं, लेकिन कुछ दिल में ऐसे बस जाते हैं कि जब तक पूरे नहीं हो जाते, एक-दूसरे का साथ नहीं छोड़ते. ऐसा ही एक वादा पूरा करने के लिए फ्रांस की एक युवती ओलिविया राजस्थान के झुंझुनू के नवलगढ़ आई है.
सात साल पहले की डिमांड खींच लाई राजस्थान
नवलगढ़ पहुंचने के बाद ओलिविया ने यहां आने का कारण बताया. उन्होंने कहा कि सात साल पहले अपने जन्मदिन पर वह एक टूर ग्रुप के साथ यहां 'आशा का झरना' संस्था में आई थी. वहां एक स्पेशल बच्चे ने मुस्कुराते हुए उससे पेन मांगा था, लेकिन उस दिन उनके बैग में एक भी पेन नहीं था.

स्पेशल बच्चों के साथ बिताया वक्त
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वादे को पूरा करने आई नवलगढ़
ओलिविया आगे बताती हैं कि उस पल उनका दिल टूट गया था. वह बच्चे को उसकी मुस्कान के बदले कुछ नहीं दे सकती थीं. वह इसके लिए बहुत निराश थीं, और फिर उन्होंने उसी पल तय कर लिया था कि एक दिन वह वापस आएंगी और उसे उसका हक वापस देंगी. वह इसी इच्छा को पूरी करने के लिए यहां आई थीं.
बच्चों के साथ केक काटकर मनाया जन्मदिन
इस बार ओलिविया सात साल पहले किए अपने वादे को पूरा करने के लिए किसी ग्रुप के साथ नहीं, बल्कि अकेले नवलगढ़ लौटीं. वह अपने साथ हाथ से बने रंग-बिरंगे खास पेन और नोटबुक भी लाईं, जिन्हें उन्होंने आशा का झरना स्कूल के बच्चों में बांटा. सामान देखकर बच्चों के चेहरे भी खुशी से खिल उठे. इसके बाद विदेशी मेहमान ने बच्चों के साथ केक काटकर अपना जन्मदिन मनाया.

गायों को खिलाया चा
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गौशाला से की जन्मदिन की शुरुआत
बच्चों के साथ जन्मदिन मनाने का अपना अनुभव शेयर करते हुए ओलिविया ने बताया कि नवलगढ़ पहुंचने के बाद उन्होंने सुबह श्री कृष्ण गौशाला में गायों की सेवा करके अपने जन्मदिन की शुरुआत की. वहां उन्होंने चारा खिलाया और कहा कि उन्हें नवलगढ़ में घर जैसा महसूस होता है. यहां की जमीन और गायों के बीच उन्हें रूहानी शांति मिलती है. इस पूरी यात्रा में उनके गाइड संदीप शर्मा, मोहसिन और विक्की ने उनकी मदद की.
Report By: रविन्द्र चौधरी