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Indian Army की ताकत से परिचित हुए फ्रांसीसी सेना प्रमुख, सेना की ताकत देख दंग रह गए जनरल पियरे शिल

जनरल पियरे शिल ने जैसलमेर स्थित बैटल एक्स डिवीजन का दौरा भी किया. आर्मी स्टेशन पहुंचने पर जनरल पियेर शिल का स्वागत किया गया.

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Indian Army की ताकत से परिचित हुए फ्रांसीसी सेना प्रमुख, सेना की ताकत देख दंग रह गए जनरल पियरे शिल
फ़्रांसीसी सेना के सेनाध्यक्ष जनरल पियरे शिल

Indian Army: फ्रांसीसी सेना प्रमुख जनरल पियरे शिल 27 से 29 फरवरी तक भारत की यात्रा पर हैं. इस दौरान फ़्रांसीसी सेना के सेनाध्यक्ष जनरल पियरे शिल (General Pierre Schill) जैसलमेर यात्रा पर रहे. जनरल पियरे शिल ने जैसलमेर स्थित बैटल एक्स डिवीजन का दौरा भी किया. आर्मी स्टेशन पहुंचने पर जनरल पियेर शिल का स्वागत किया गया. तत्पश्चात जनरल पियेर शिल ने जैसलमेर आर्मी स्टेशन में भारतीय थल सेना के अधिकारियों के साथ बैठक भी की.

थार के अथाह रेगिस्तान में विषम परिस्थितियों के बीच भारत-पाक सरहद पर काम कर रहे भारतीय सेना की विशेषज्ञता के क्षेत्रों के बारे में जानकारी दी. साथ ही जनरल पियेर शिल ने पोकरण फिल्ड फायरिंग रेंज का दौरा कर भारतीय सेना की शक्ति से भी परिचित हुए. जनरल पियरे शिल ने पिनाका मिसाइल द्वारा टारगेट को सफलतापर्वूक हिट करने का अभ्यास भी देखा.

जनरल पियरे तीन दिवसीय यात्रा पर आए हैं भारत

दरअसल फ्रांस आर्मी के सेनाध्यक्ष जनरल पियरे शिल इन दिनों भारत की 3 दिवसीय यात्रा पर हैं.यात्रा कर दौरान पियरे शिल जैसलमेर की पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में स्वदेशी पिनाका मल्टीपल लॉन्च रॉकेट सिस्टम की शक्ति से रूबरू हुए. भारतीय सेना की राइजिंग सन आर्टिलरी ने पराक्रम दिखाया व स्वदेशी पिनाका लॉन्ग रेंज वैक्टर की गड़गड़ाहट अगली पीढ़ी के टाटा लोइटरिंग म्यूनिशन सिस्टम की साइलेंस सटीकता के प्रदर्शन के साथ विलय हो गई.

भारत के स्वदेशी मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर सिस्टम, पिनाका के धमाकों की गूंज अब दुनियाभर में सुनाई देने लगी है. आर्मेनिया को एक्सपोर्ट करने के बाद इंडोनेशिया और नाइजीरिया जैसे देश तो पिनाका में दिलचस्पी दिखा ही रहे हैं. सूत्रों के अनुसार फ्रांस भी इस तकनीक से खासा प्रभावित हुआ है. इसलिए फ्रांस के सेनाध्यक्ष ने तीन दिवसीय दौरे के दौरा पिनाका के फायरिंग प्रदर्शन देखने के लिए एशिया की सबसे बड़ी फिल्ड फायरिंग रेंज आए.

90 के दशक से पिनाका का इस्तेमाल

भगवान शिव के धनुष 'पिनाक' के नाम पर इस रॉकेट सिस्टम को नाम दिया गया है. जो चंद सेकेंड में दुश्मन के ठिकानों को मटियामेट करने में सक्षम है.जानकार बताते है कि 90 के दशक के बीच भारतीय सेना पिनाका को इस्तेमाल शुरु किया था. और करगिल युद्ध के दौरान भी भारतीय सेना ने दुश्मन के ठिकानों को नेस्तानाबूद करने के लिए इसका उपयोग किया था.

यह भी पढ़ेंः Indian Army ने पिनाका मिसाइल के एडवांस वर्जन का किया परीक्षण, ध्वस्त कर डाला 45 किलोमीटर दूर टारगेट

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