![इंटरनेशनल ट्रेडिंग के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश, मासूम लोगों को ऐसे बनाते थे शिकार इंटरनेशनल ट्रेडिंग के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश, मासूम लोगों को ऐसे बनाते थे शिकार](https://c.ndtvimg.com/2024-02/15hk9mu8_accuse_625x300_10_February_24.png?im=FitAndFill,algorithm=dnn,width=773,height=435)
Rajasthan News: दौसा ऑनलाईन ट्रेडिंग प्लेटफार्म बनाकर इंटरनेशनल ट्रेडिंग के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश हुआ है. इन ठगों के गिरोह द्वारा कुल 58 करोड़ रूपये की लेनदेन करने की खबर सामने आ रही है. ऑनलाईन साइबर ठगी के 6 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया. ये शातिर बदमाश टेलीग्राम ग्रुप DRIP/C GROUP331 में जोड़कर ठगी करते थे.
आरोपी पहले पीड़ित का विश्वास जीतते थे और बाद में फर्जी ट्रेडिंग वेबसाईट से उसका रजिस्ट्रेशन करवाते थे, फिर फर्जी प्रोपराईटर फर्म में रजिस्ट्रेशन करवाकर रूपयों की ठगी की वारदात को अंजाम देते थे. पुलिस द्वारा जांच के दौरान आरोपियों के पास से करीब 27 लाख रुपए मिले हैं.
मासूम से की 26 लाख की ठगी
दौसा पुलिस अधीक्षक वंदिता राणा ने बताया कि पीड़ित संजय पीलवाल पुत्र बाबूलाल पीलवाल निवासी दुब्बी पुलिस थाना बैजुपाड़ा जिला दौसा मे रिर्पोट दर्ज करवाई. रिपोर्ट में पीड़ित ने बताया कि ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म वालों ने उसे टेलिग्राम ग्रुप पर जोड़कर दो गुना रूपये करने का झांसा देकर 26 लाख 60 हजार 338 रुपये की ठगी की थी.
देश के साथ विदेशों में भी थे ब्रांच
प्रकरण में पीड़ित के बैंक खाते से जिन खातों में राशि ट्रांसफर हुई है, आधुनिक संसाधन का प्रयोग कर कड़ी से कड़ी जोड़ते हुए अनुसंधान करने से अपराधियों का राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, यूपी, मध्यप्रदेश, बिहार, दिल्ली सहित दुबई, कंबोडिया, वियतनाम और थाइलैंड में होने की सूचना मिली है.
साइबर ठगी का मास्टर माइंड पुलिस से बचने के लिए देश से बाहर दुबई, कंबोडिया, वियतनाम, थाइलैंड सहित अन्य देशों में रहकर भारत में स्थित अपने साथियों की मदद कर साइबर ठगी की वारदातों को अंजाम देते थे. साइबर ठगी के मुख्य अभियुक्त अपने साथियों से विभिन्न कम्पनियों के भारतीय मोबाइल सिम कार्ड एक्टिव करवाकर विदेश में मंगवाकर साइबर ठगी के अपराध को अंजाम दे रहे थे. साइबर ठगी की राशि का क्रिप्टोकरेंशी, यूएसडीटी के नाम से ही करते थे.
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आरोपियों के पास से गैजेट बरामद
दौसा पुलिस अधीक्षक के आदेश पर साइबर सेल की टीम को मुम्बई भेजा गया, जहां मुम्बई में मुख्य अभियुक्त के साथ रहकर फर्जी कम्पनियां और प्रोपराइटर फर्म बनाकर इनके नाम से फर्जी बैंक खाते खुलवा कर साइबर ठगी करते थे. कई बैंको नामों की 32 खाली चैक बुक, अनेकों बैंको के 35 एटीएम कार्ड, कई कम्पनियों के 17 सीम कार्ड, कई नाम की कम्पनियों और प्रोपराइटर फर्म की 29 स्टाम्प, 4 लैपटॉप चार्जर, 3 मोबाइल फोन की पेड, 7 मोबाइल फोन, आईफोन,1 POS मशीन, 17 पेन कार्ड, 2 हार्ड डिस्क, 01 बंडल खाता खुलवाने के फॉर्म, 4 QR Code Scanner,5 आधार कार्ड, 1 सीसीटीवी कैमरा, 3 आईडी कार्ड, हिसाब की 17 डायरियां, विभिन्न बैंकों के खाता खुलवाने के फॉर्म सहित कई 9 फर्जी कम्पनियां व फर्म की फाइल भी बनवाई है.